भोपाल। सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए राजधानी में सुभाष नगर आरओबी को चालू कर दिया है। इस आरओबी से लोकर रोजाना एवरेज 2 लाख लोग ब्रिज से गुजर रहे हैं, लेकिन बड़ी खामी ब्रिज को बड़े एक्सीडेंटल स्पॉट में बदल सकती है। ट्रैफिक कंट्रोल के लिए सिग्नल तो लगे हैं, लेकिन मॉनिटरिंग करने वाला कोई नहीं है। वहीं, कैमरे भी नहीं है। ऐसे में यह बड़ा एक्सीडेंटल स्पॉट बन सकता है। दो साल के लंबे इंतजार के बाद पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरओबी का लोकार्पण किया था। इसके बाद यह ब्रिज आम लोगों के लिए खोल दिया गया। ब्रिज उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है, जो नए-पुराने शहर में आते-जाते हैं। इससे जिंसी चौराहे और सुभाषनगर अंडरब्रिज से ट्रैफिक का दवाब 70 फीसदी तक कम हो गया है।
ये खामियां बनी परेशानी
सुभाष नगर चौराहे की ओर से ब्रिज पर आने-जाने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन ब्रिज की दूसरी साइड यानी इनकम टैक्स ऑफिस की ओर खामियां देखने को मिल रही हैं। ब्रिज पर चढऩे के लिए और जिंसी चौराहे की ओर आने वाली गाडिय़ों के लिए सिग्नल लगाए गए हैं, लेकिन इनकी टाइमिंग कम है। इस कारण रेड सिग्नल में ही गाडिय़ां ब्रिज पर चढ़ रही है। ऐसे में जिंसी चौराहे की ओर से आने वाली गाडिय़ों से टकराने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। वहीं, यहां पर मानीटरिंग के लिए पुलिसकर्मी भी तैनात नहीं होते हैं।
40 करोड़ रुपए में बना है आरओबी
आरओबी 40 करोड़ रुपए में बना है। 690 मीटर लंबा और 15 मीटर चौड़ा यह आरओबी नए को पुराने शहर को जोड़ रहा है। आरओबी राजधानी में इस समय सेल्फी प्वाइंट भी बना हुआ है। लोग ब्रिज पर सेल्फी लेते हुए नजर आते हैं।
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