भोपाल। जवाहर चौक पर रहने वाले मीडियाकमी जीतेंद्र शर्मा के घर वाहनों में आग लगाने वाले तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में खुलासा हुआ कि भोपाल नगर निगम के एक सब इंजीनियर ने आग लगाने के लिए तीनों को सुपारी दी थी। इसके लिए फोन-पे के माध्यम से 65 हजार रुपये का एडवांस भुगतान भी किया था। पुलिस की नजर में आने से बचने के लिए घटना के समय इंजीनियर पश्चिम बंगाल चला गया था और वहीं से तीनों को निदेज़्शित करता रहा। सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई संदिग्ध कार का पता लगाते हुए पुलिस नागदा पहुंची और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। प्रकरण में इंजीनियर को भी आरोपी बनाया गया है।
जवाहर चौक स्थित मां संकट हरणी देवी मंदिर परिसर में रहने वाले जीतेंद्र शमाज़् (30) एक न्यूज चैनल में पत्रकार हैं। बुधवार-गुरुवार की रात करीब एक बजे अज्ञात बदमाशों ने जाली फांदकर उनके घर में प्रवेश किया और अंदर खड़ी बाइक, स्कूटी, एक्टिवा और स्विफ्ट डिजायर कार में पेट्रोल डालकर आग लगा ली। भागते समय बदमाशों के पैर से डोरबेल दब गई, जिससे परिजनों की नींद खुली। बाहर निकलकर देखा तो वाहनों में आग लगी थी। पूरे परिवार ने किसी तरह पानी डालकर आग बुझाई और पुलिस को सूचना दी। एएसपी जोन-1 रजत सकलेचा ने बताया कि घटना के बाद इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। करीब एक दजज़्न कैमरों में दिखाई पड़ी एक संदिग्ध कार को ट्रैस किया गया तो वह उज्जैन के नागदा की निकली। कार का पता लगाने पर मालूम हुआ कि उक्त कार तीन बार बिक चुकी है। आखिरी वाले मालिक के पास पुलिस पहुंची तो तीन युवकों द्वारा कार किराए पर लेकर जाने का पता चला। इसके बाद पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में ले लिया। पूछताछ करने पर उसने पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया। उसने बताया कि कुछ महीने पहले जीतेंद्र की गाड़ी से एक्सीडेंट हुआ था, इसी का बदला लेने के लिए उसने वाहनों में आग लगाई।
ऐसे खुला इंजीनियर का नाम
पकड़े गए आरोपी से पूछताछ के बाद उसके दोनों साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों से अलग-अलग हुई पूछताछ में पता चला कि भोपाल नगर निगम में पदस्थ सहायक यंत्री ओपी चौरसिया की कुछ समय पहले जीतेंद्र शर्मा के परिवार से कहासुनी हो गई थी। वह जीतेंद्र को सबक सिखाना चाहता था, इसलिए उसने नागदा के रहने वाले समीर बेग उर्फ भैया, संतोष और अल्फ ाज मेवाती को एक लाख रुपये की सुपारी दी थी। इसके लिए फ ोन-पे के माध्यम से 65 हजार रुपये का एडवांस भुगतान भी किया। घटना के समय सहायक यंत्री चौरसिया खुद कोलकाता चला गया और वहां से तीनों को फ ोन पर जीतेंद्र के घर की लोकेशन समेत अन्य जानकारी देता रहा।
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