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स्टडी में दावा, यह मास्क पहनने से कोरोना कुछ भी नहीं बिगाड़ पाएगा आपका, जानिए

December 08, 2021

न्यूयॉर्क। इस समय कोरोना वायरस (Coronavirus) का खतरा एक बार फिर बढ़ने लगा है, बल्कि इस बार नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से सबसे ज्‍यादा लोग दहशत में हैं इन्‍ही सब से बचाव के लिए लोग उपाए करने में लगे हुए हैं। वैसे तो कोरोना वायरस (Coronavirus) से सुरक्षा में सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) से ज्यादा बड़ी भूमिका मास्क निभा सकता है। इस बात की जानकारी हाल ही में प्रकाशित हुए एक स्टडी में मिली है।
हालांकि पिछले साल भी वैज्ञानिकों ने अध्ययन में दावा किया था कि कुछ मामलों में कोविड-19 से बचने के लिए पहना जाने वाला मास्क किस चीज से बना है, इससे अधिक यह मायने रखता है कि उसे सही ढंग से पहना जाए। ब्रिटेन के कैम्ब्रिज यूनवर्सिटी (University of Cambridge) के अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान हुए तमाम अध्ययनों में बताया गया है कि मास्क पहनने से कोरोना वायरस के प्रसार में कमी आती है, लेकिन उचित तरीके से मास्क पहनने के प्रभाव के बारे में हमारी समझ बहुत सीमित है।



इस बार भी शोधकर्ताओं ने पाया है कि केवल तीन मीटर दूरी (Three Meter Distance) की तुलना में चेहरे पर कवर का इस्तेमाल करने से जोखिम 225 गुना कम हो सकता है। कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत से ही एक्सपर्ट्स मास्क की अहमियत समझा रहे हैं। नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से बचाव में भी एक्सपर्ट्स ने हाथों की सफाई, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क के उपयोग की बात कही है।
बता दें कि हाल ही में जर्मनी और अमेरिका के जानकारों ने पाया है कि चेहरे को कवर करने से ज्यादा सुरक्षा मिलती है। यह पाया गया है कि अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के पास 3 मीटर की दूरी पर भी 5 मिनट के लिए खड़े हैं और दोनों ने मास्क नहीं पहना है, तो कोविड का शिकार होने की आशंका 90 फीसदी हो जाती है. वहीं, अगर किसी ने सर्जिकल मास्क पहना है, तो यह समय 90 मिनट हो जाता है। अगर दोनों ने मेडिकल ग्रेड FFP2 मास्क पहना है और दूरी पर खड़े हुए हैं, तो एक घंटे के बाद वायरस फैलने का जोखिम 0.4 फीसदी हो जाता है।
गोटिंगेन और कॉर्नेल विश्वविद्यालय के जानकारों का कहना है कि स्टडी से मिली जानकारी ‘सोशल डिस्टेंसिंग को कम उपयोगी बनाती है.’ एक बड़ी समीक्षा में पाया गया था कि मास्क का व्यापक इस्तेमाल संक्रमण की दर को 50 फीसदी कम कर सकता है। यह अकेले सोशल डिस्टेंसिंग से मिलने वाली सुरक्षा से दोगुना है। स्टडी से पता चला है कि केवल सोशल डिस्टेंसिंग करने से बेहतर मास्क है। वहीं, कोरोना से संक्रमित होने का जोखिम मास्क कितना टाइट और मजबूत होने पर निर्भर करता है।

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