नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार (30 जून) को कर्नाटक के शिवमोगा जिले में आईएसआईएस की आतंकी साजिश के मामले में नौ लोगों के खिलाफ अपनी पहली सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की. एनआईए की जांच रिपोर्ट्स के अनुसार पांचो आरोपी टेक्निकल फील्ड से हैं. एनआईए ने अपने आरोप पत्र में दावा किया है कि आतंकियों ने सिर्फ अपने आतंकी ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए रोबोटिक्स कोर्स करने की योजना बनाई थी.
एनआईए ने चार्जशीट में खुलासा किया है कि इन आरोपियों ने इस्लामिक स्टेट (ISIS) की साजिश के तहत लोगों के बीच आतंक फैलाने और उनको डराने के लिए शिवमोग्गा में एक आईईडी विस्फोट किया था. इन हमलों का उद्देश्य भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ना था.
एनआईए ने आरोपियों के खिलाफ यूए(पी) एक्ट 1967, आईपीसी और केएस प्रिवेंशन ऑफ डिस्ट्रक्शन एंड लॉस ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, 1981 के तहत आरोप पत्र दायर किए हैं. जिन आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किये गये हैं उनके नाम मोहम्मद शारिक (25), माज मुनीर अहमद (23), सैयद यासीन (22), रीशान थाजुद्दीन शेख (22), हुजैर फरहान बेग (22), माजिन अब्दुल रहमान (22), नदीम अहमद, केए (22), जबीउल्ला (32) और नदीम फैजल एन (27) हैं. ये सभी कर्नाटक के रहने वाले हैं.
माज मुनीर अहमद और सैयद यासीन के खिलाफ पहले भी इस साल मार्च में आरोपपत्र दाखिल किया गया था और अब उन पर अन्य धाराओं भी जोड़ी गई हैं. चार्जशीट में एनआईए ने दावा किया है कि इन नौ आरोपियों में से माज मुनीर अहमद, सैयद यासीन, रीशान थाजुद्दीन शेख, माजिन अब्दुल रहमान और नदीम अहमद केए ने मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई महज इसलिए की थी ताकि वह आतंकी हमलों को अंजाम दे सकें. एनआईए की चार्जशीट में कहा गया है कि इन आरोपियों ने भारत में इनको आईएस ने अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए और भविष्य में आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए ही प्लांट किया था.
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