प्रयागराज। छात्र (Students ) पहली बार ( first time) कश्मीर के स्वर्णिम इतिहास (golden history of Kashmir ) का अध्ययन करेंगे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad University) के प्राचीन इतिहास में नई शिक्षा नीति के तहत शैक्षिक सत्र 2023-24 से चार वर्षीय स्नातक की पढ़ाई शुरू होगी। इसके लिए नया पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। नए पाठ्यक्रम की मंजूरी के लिए संशोधन का प्रस्ताव इविवि की एकेडमिक काउंसिल (विद्वत परिषद) के समक्ष रखा जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद यह पाठ्यक्रम का हिस्सा हो जाएगा।
पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. अनामिका राय ने बताया कि अब पाठ्यक्रम में कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत के 1200 ई. तक के इतिहास को शामिल किया जा रहा है। यह पाठ्यक्रम पहले छात्रों को स्नातक स्तर पर नहीं पढ़ाया जा रहा था। इसके अलावा कश्मीर की रानी दिद्दा समेत वहां की अन्य रानियों के इतिहास से छात्रों को रूबरू कराया जाएगा।
वैदिक व प्राचीन ज्योतिष का करेंगे अध्ययन
प्राचीन इतिहास के छात्र अब फाउंडेशन कोर्स संग वैदिक और प्राचीन ज्योतिष का अध्ययन भी करेंगे। इसके साथ ही कल्हण का राजतरंगिणी ग्रंथ भी चार वर्षीय पाठ्यक्रम का हिस्सा होगा। चार वर्षीय पाठ्यक्रम के तहत एक साल में छात्र को सार्टिफिकेट, दूसरे साल में डिप्लोमा, तीसरे साल में डिग्री एवं चौथे साल में आनर्स डिग्री प्रदान की जाएगी।
चौथे साल कराया जाएगा संग्रहालय का भ्रमण
विभागाध्यक्ष एवं चीफ प्रॉक्टर प्रो. हर्ष कुमार ने बताया कि पहले साल में पुरातत्व, राजनीतिक इतिहास, इलेक्टिव के एक विषय की पढ़ाई करनी होगी। दूसरे साल में राजनीति इतिहास, विश्व की सभ्यताएं संग इलेक्टिव कोर्स की पढ़ाई करनी होगी। तीसरे साल में इतिहास दर्शन, कला एवं स्थापत्य, भारतीय संस्कृति, पर्यावरण, धर्म एवं दर्शन, सर्वेक्षण एवं उत्खनन के तकनीकों का अध्ययन, पर्यटन आदि को पढ़ाया जाएगा। वहीं चौथे वर्ष में संग्रहालय, मूर्ति, मंदिरों का टूर और प्रोजेक्ट तैयार कराया जाएगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved