देहरादून: संघर्षो के बाद बने उत्तराखंड राज्य आंदोलन के इतिहास को अब प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने की तैयारी है. उत्तराखंड शिक्षा विभाग की 5 सदस्यीय टीम ने किताब में मसूरी गोलीकांड, मुजफ्फरनगर गोलीकांड से लेकर राज्य का इतिहास भी शामिल करने का फैसला लिया है. इस दौरान शहीद हुए लोगों की गाथा से लेकर कई सामाजिक संगठनों और मुख्य तौर पर अग्रणी रहे राज्य आंदोलनकारियों के नामों को शामिल किया है.
डीजी एजुकेशन डिपार्टमेंट बंसीधर तिवारी बताते हैं कि किताब का उद्देश्य यह है कि स्टूडेन्ट्स को उत्तराखंड के इतिहास और संस्कृति की जानकारी हो. हालांकि, अब सिलेबस पर तो काम हो गया है, लेकिन दिक्कत एससीईआरटी के आगे यह है कि इसे कैसे लागू करें, क्योंकि किताब एक्सट्रा बुक के तौर पर लगाये या फिर एनसीईआरटी के सिलेबस के हिसाब से.
एसईआरटी के अपर निदेशक आरडी शर्मा के अनुसार, राज्य सरकार किसी भी एनसीईआरटी के सिलेबस में छेड़छाड़ कर ही नहीं सकती है. ऐसे में दुविधा ये है कि प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में एनसीईआरटी का सिलेबस ही पढ़ाया जा रहा है. यानी अभी किताब पर काम तो किया जा रहा है, मगर फैसला सरकार के पाले में कि इन किताबों को कहां और किन-किन क्लास में पढ़ाया जाएगा.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved