विदिशा। सरकारी स्कूल में पढऩे वाले विद्यार्थियों को सिस्टम कितनी गंभीरता से लेता है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए जिले के शासकीय स्कूलों में अभी तक किताबों का वितरण नहीं हो सका है। जिसके चलते विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कोर्स नहीं होने की वजह से इन सरकारी शालाओं के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई कैसे कराई जा रही है। यह समझ से परे लग रहा है। उल्लेखनीय है कि शासकीय प्रथामिक और शालाओं में ज्यादातर गरीब तबके के बच्चे अध्ययन करते हैं यही बजह है कि समय पर उपलब्ध कराई जाने वाली किताबों के समय पर नहीं पहुंचने से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वहीं दूसरी और सरकारी स्कूलों में पदस्थ शिक्षक-शिक्षिकाओं से गैर शिक्षण कार्य भी कराया जाता है। जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई काफी हद तक प्रभावित होती है। जबकि स्कूल शिक्षा-सत्र जून से प्रारंभ हो गया है। इसके बाद भी अब तक कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को कोर्स की किताबें नहीं मिलीं हैं। जिसके चलते जिले में पढऩे वाले प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
23 दिन भी नहीं मिलीं बच्चों किताबें
स्कूल शिक्षण सत्र 17 जून से प्रारंभ हो गया है। तथा जिले के सभी स्कूल खुल गए हैं। लेकिन अभी तक सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को सिस्टम के गैर जिम्मेदार रवैया के चलते 23 दिन का वक्त गुजर जाने के बाद भी सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में पढऩे वाले बच्चों को अभी तक किताबें उपलब्ध नहंी हो सकी हैं। जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई भगवान भरोसे चल रही है। समय पर किताबें उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण खासकर कक्षा 5 व 8 के विद्यार्थियों की पढ़ाई का कितना नुकसान हुआ है। यह तो परीक्षा परिणाम ही तय करेंगे।
बच्चों की शिक्षा की नींव हो जाएगी कमजोर
सूत्रों की माने तो सिस्टम की लेटलतीपी के चलते हर वर्ष शिक्षा सत्र शुरू हो जाने के कई दिनों बाद ही पूर्व में भी कक्षा 1 से 12 तक के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों के लिए किताबों का वितरण अक्सर लेट हो जाता है। जिसके चलते बच्चों को अपने सीनियरों से किताबें लेकर पढ़ाई करने पढ़ती है। लेकिन ज्यादातर बच्चों को किताबें समय पर उपलब्ध नहीं पाती हैं। जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
कक्षा 9 से 12 तक सिर्फ 40 प्रतिशत हुआ वितरण
जिले के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए भी अभी तक किताबों का वितरण पूर्णत: नहीं हो सका है। जिसके चलते हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए सरकारी स्तर पर उलब्ध कराई जाने वाली किताबों का वितरण अब तक पूर्ण तरीके से नहीं होना उनके बोर्ड के परीक्षा परिणामों को प्रभावित कर सकता है। बताया जा रहा है कि जिले में अभी तक सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले कक्षा 9 से 12 तक के छात्रा-छात्राओं के लिए सिर्फ 40 प्रतिशत ही कोर्स की किताबों का वितरण हो सका है। जबकि 60 प्रतिशत छात्र-छात्राओं के लिए अभी तक किताबों को उपलब्ध नहीं कराना जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
कुछ किताबें आर्इं हैं कुछ अभी नहीं आर्इं, कब होगा वितरण
बताया जा रहा है कि कक्षा 1 से 8 तक की कुछ किताबें आ गर्इं हैं तथा कुछ किताबें अभी भी आना शेष है। किताबों की पैकिंग कार्य चल रहा है। लेकिन यह किताबें कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए सरकारी स्कूलों में कब तक नसीब होंगीं। तथा किताबों को बच्चों तक पहुंचने में कितना समय लगेगा इस पर संशय बना हुआ है।
इनका कहना है
किताबों की पैकिंग चल रही है। कुछ किताबें आ गई हैं कुछ अभी भी आना शेष हैं। जो किताबें आ गई हैं उनकी पैकिंग कार्य चल रहा है। परिवहन के द्वारा ऑनलाइन किताबों का वितरण होगा।
शिशुपाल सिंह जाटव, डीसीपी शिक्षा विभाग विदिशा
कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए जिले के सरकारी स्कूलों में 40 प्रतिशत किताबों का वितरण किया जा चुका है। किताबें उपलब्ध होते ही बच्चों को कोर्स का वितरण करा दिया जाएगा।
अतुल मोदगिल, जिला शिक्षा अधिकारी विदिशा
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