नागदा। जिले के एक छोटे से कस्बे नागदा की तंग गलियों में बचपना गुजार कर प्राइमरी तक शिक्षा ग्रहण करने वाली एक छात्रा ने आस्ट्रेलिया में अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। आस्ट्रेलिया (Australia) के युवा वैज्ञानिक वुमन इन टेक्नोलॉजी अवॉर्ड (Young Scientist Woman in Technology Award) के लिए नामित हुई है। छात्रा इन दिनों आस्ट्रेलिया में है जोकि बिना सुई के वैक्सीन लगाने के शोध में जुटी है।
बता दें कि छात्रा डॉ. मेघा बुधवानी की प्रायमरी शिक्षा वर्ष 1991 से 1998 तक फातिमा कॉवेंट स्कूल में हुई थी। तब छात्रा के पिता सतीश बुधवानी नागदा तथा समीप के गांव कमेड़ में स्टेट बैंक ऑफ इंदौर में हैड कैशियर पर काबिज थे। बाद में इस बैंक का विलीनीकरण स्टेट बैंक आफ इंउिया में हुआ ओर सतीश इस बैंक में प्रबंधक के पद पर भोपाल तथा मंदसौर चले गए। जब मेघा की शिक्षा नागदा में हुई थी तब उसके दादा सहजराम ईएसआईसी नागदा में प्रबंधक के पर काबिज थे।
पिता की हिंदुस्थान समाचार से बातचीत
डॉ. मेघा के सेवानिवृत पिता सतीश इन दिनों मंदसौर में है। उन्होंने दुरभाष पर हिंदुस्थान समाचार संवाददाता नागदा से बातचीत में बताया कि डा. मेघा आस्ट्रेलिया के वुमन इन टेक्नोलॉजी अवॉर्ड के लिए नामित हुई है। उसे शीघ्र अवॉर्ड से नवाजा जाएगा। उन्होंने बताया शोध के बाद वैक्सीन को सामान्य तापक्रम पर भी रखा जा सकेगा। जिससे वैक्सीन को ठंडे तापक्रम आदि में रखने की झंझट से छुटाकार मिलेगा। उन्होंने बताया यह प्रयोग अभी एनीमल पर सफल हो चुका है। इस प्रकार की उपलब्धि पर मेघा को यह अवॉर्ड देने के लिए नामित किया गया है।
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