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    यूनिवर्सिटी प्रवेश परीक्षा सीईटी में बदलाव को लेकर छात्र नेता लामबंद

  • July 14, 2021

    • पुराने कांग्रेस नेता आज राज्यपाल के नाम कुलपति को देंगे ज्ञापन

    इंदौर। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी (Devi Ahilya University) की प्रवेश परीक्षा ( Entrance Exam) सीईटी ( CET) को लेकर कई प्रकार की गलतियां और भ्रांतियां रही हैं। इसको लेकर छात्र नेता और पुराने कांग्रेसी (Congressman) एकत्रित होकर राज्यपाल ( Governor) के नाम कुलपति (Vice Chancellor) को आज दोपहर एक ज्ञापन देंगे, जिसमें आरक्षण कमेटी का गठन, पारदर्शिता और उत्तरपुस्तिका छात्रों को दिखाने, अनुभवी प्रोफेसरों के विभागवार समन्वय आदि विषयों को प्रमुखता से रखा गया है।

    छात्र नेताओं का कहना है कि देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी (Devi Ahilya University) प्रशासन द्वारा लगातार पूर्व से लापरवाही बरतने संबंधित विषयों पर तत्काल कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर कांग्रेसी (Congressman) नेताओं द्वारा यूनिवर्सिटी परिसर में एकत्र होकर राज्यपाल के नाम कुलपति (Vice Chancellor) को दोपहर 12 बजे आरएनटी मार्ग (RNT Marg) परिसर में ज्ञापन दिया जाएगा। कांग्रेस के नेता पूर्व पार्षद रमेश घाटे, तेज प्रकाश राणे, प्रीतिश दास, राजेश यादव, संदीप ओझा, शांतिलाल सैनी, किशोर डोंगरे, विनोद पाल, अभय धौलपुरे, विकास जोशी, भूपेंद्र केतके, पीयूष भिठे, मोहन चौहान, दिलीप ठक्कर, अमित चौरसिया, सच सलूजा, अली असगर भोपालवाला, पंकज ओझा, उमेश वर्मा, अनूप शुक्ला, विनोद चौकसे, दीपक चौधरी, हर्षद शाह आदि नेता छात्रों के आगामी भविष्य और प्रवेश परीक्षा (entrance Exam) को लेकर लामबंद हो गए हैं।

    यह हैं छात्रों की मांगें
    – सीईटी ( CET) परीक्षा बोर्ड का गठन किया जाए, जिसमें अनुभवी प्रोफेसर अधिकारी को लिया जाए, जो कि निर्विवादित हो, जिसका कार्य सिर्फ परीक्षा आयोजन संबंधित योजना बनाना तथा परीक्षा संपन्न कराना हो।
    – सीईटी ( CET) परीक्षा 2021 का परिणाम पारदर्शिता के आधार पर घोषित किया जाए, जिससे छात्रों को संतुष्टि प्रदान हो।
    – सीईटी ( CET) परीक्षा के तत्काल बाद छात्र-छात्राओं को उत्तरपुस्तिका सोशल मीडिया पर तत्काल प्रकाशित कर प्रदान की जाए, जिससे परिणाम में पारदर्शिता दिखाई दे।
    – सीईटी  ( CET)  परीक्षा में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कई वर्षों से लगातार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक के छात्र-छात्राओं की काउंसलिंग प्रथम राउंड में ले ली जाती है। इसमें कई प्रकार का विरोधाभास भी रहता है। इस पर पारदर्शिता और पुनर्विचार किया जाए।
    – सीईटी ( CET) की कमेटी का जो गठन किया गया है इस पर छात्र नेताओं को आपत्ति है।
    – सीईटी ( CET) परीक्षा के माध्यम से जिन विषयों में छात्र-छात्राओं के प्रवेश की संख्या कम है तथा नाममात्र के प्रवेश होते हैं उन विषयों को दूरस्थ शिक्षा के अंतर्गत पाठ्यक्रम (पार्ट टाइम कोर्स) की अनुमति दी जाए, जिससे सेवानिवृत्त कर्मचारी, अधिकारी एवं अन्य प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले छात्र-छात्राएं प्रवेश लेकर शिक्षा अध्ययन कर सकंे।

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