रतलाम। रतलाम के एक संक्रमित मरीज के ठीक होने के बाद उसके ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है जिसको इंदौर के चौइथराम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रतलाम के टीआइटी रोड निवासी रिटायर्ड बैंककर्मी के बेटे धर्मपाल को कोरोना संक्रमित हो जाने पर रतलाम के निजी अस्पताल में उपचार के बाद ठीक होने के बाद चेहरे पर सूजन लगातार आने के कारण डॉक्टर को दिखाया गया तो उन्होंने ब्लेक फंगस होने की शंका व्यक्त करते हुए इंदौर जाने की सलाह दी थी। मरीज धर्मपाल का रतलाम में पीएनएस सिटी स्कैन कराने पर ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई।
शुक्रवार को पीड़ित उपचार के लिए इंदौर स्थित मुंबई हास्पिटल में डॉक्टरों को दिखाया तो उन्होंने ब्लैक फंगस होने की पुष्टि करते हुए इसे प्रायमरी स्टेज पर होना बताया और चौईथराम अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी जहां शुक्रवार से उनका उपचार चल रहा है। मरीज धर्मपाल की पत्नी सीमा चौहान ने बताया कि डॉक्टरों का कहना है कि इंजेक्शन लगाने पर ही उपचार के बेहतर परिणाम आयेंगे। प्रदेश भर में कहीं भी इंजेक्शन नहीं मिलने से हम परेशान हैं।
डीन मेडिकल कॉलेज रतलाम,डॉ जितेंद्र गुप्तासे जब इस बारे में बात की गई तो वे बोले मेडिकल कॉलेज में उपचार कराने के बाद किसी मरीज को ब्लैक फंगस होने की जानकारी हमारे पास नहीं है, मरीज सीधे इंदौर जाकर एडमिट हुए होंगे,इस वजह से हम तक जानकारी नहीं पहुंची। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने इस बारे में पता चलने पर कहा कि ब्लैक फंगस के बढ़ते खतरे को देखते हुए मेडिकल कॉलेज में 20 बेड का ब्लॉक अभी से ही उपचार के लिए बना दें। ताकि किसी मरीज के मिलने पर तुरंत उसके उपचार की व्यवस्था हो सकें।साथ ही इएनटी स्पेशलिस्ट को वार्ड प्रभारी भी बना दें।
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