मुंबई। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सीएम उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर राज्य में कोरोना की वजह से बंद पड़े धर्मस्थलों को खुलवाने का अनुरोध किया है। राज्यपाल ने तंज कसते हुए पूछा है कि क्या उद्धव को ईश्वर की ओर से कोई चेतावनी मिली है कि धर्मस्थलों को दोबारा खोले जाने को टालते रहा जाए या फिर वह सेक्युलर हो गए हैं। मंगलवार को सैकड़ों बीजेपी कार्यकर्ता सिद्धिविनायक मंदिर के बाहर पहुंचे और मंदिर खुलवाने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं का कहना था का महाराष्ट्र सरकार श्रद्धालुओं के लिए मंदिर नहीं खोल रही है जबकि सारी सेवाएं और अन्य प्रतिष्ठान सभी खोल दिए गए हैं।
उद्धव को लिखे खत में कोश्यारी ने कहा है, ‘आपने 1 जून को अपने टीवी संदेश में कहा था कि राज्य में जून के पहले सप्ताह से ‘पुनश्च हरिओम मिशन’ शुरू हो जाएगा। आपने यह भी कहा था कि उस दिन से ‘लॉकडाउन’ शब्द डस्टबिन में चला जाएगा। आपके शब्दों से लंबे लॉकडाउन से परेशान जनता के मन में आशा जगी।’
इसके जवाब में उद्धव ने पलटवार करते हुए कहा है कि जिस तरह से एकदम से लॉकडाउन लगाना उचित नहीं थी उसी तरह से उसे पूरी तरह से समाप्त करना भी ठीक नहीं है। हां, मैं हिंदुत्व का अनुसरण करता हूं और मेरे हिंदुत्व को आपकी पुष्टि की जरूरत नहीं है।’
गवर्नर कोश्यारी ने पत्र में आगे लिखा है कि दुर्भाग्य है कि उस मशहूर ऐलान के चार महीने बाद भी आपने एक बार फिर पूजा स्थलों पर लगा बैन बढ़ा दिया है। यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार, रेस्टोरेंट ओर समुद्री बीच खोल दिए हैं वहीं दूसरी तरफ देवी-देवता लॉकडाउन में रहने को अभिशप्त हैं। कोश्यारी ने कहा है, ‘आप हिंदुत्व के सशक्त पैरोकार रहे हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद अयोध्या जाकर आपने श्रीराम के प्रति अपने समर्पण को सार्वजनिक किया। आप अषाढ़ी एकादशी को पंढरपुर के विट्ठल रुक्मिणी मंदिर गए और पूजा की। पर मुझे हैरानी है कि क्या धर्मस्थलों का खोलना टालते जाना है… क्या कोई ऐसा देव आदेश आपको मिला है, या फिर आप अचानक ‘सेक्युलर’ हो गए हैं, जिस शब्द से आपको नफरत थी? कोश्यारी ने कहा है, ‘आप हिंदुत्व के सशक्त पैरोकार रहे हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद अयोध्या जाकर आपने श्रीराम के प्रति अपने समर्पण को सार्वजनिक किया। आप अषाढ़ी एकादशी को पंढरपुर के विट्ठल रुक्मिणी मंदिर गए और पूजा की। पर मुझे हैरानी है कि क्या धर्मस्थलों का खोलना टालते जाना है… क्या कोई ऐसा देव आदेश आपको मिला है, या फिर आप अचानक ‘सेक्युलर’ हो गए हैं, जिस शब्द से आपको नफरत थी?
मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राज्य स्थित सिद्धिविनायक मंदिर के सामने प्रदर्शन किया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन करते हुए ‘मदिरा चालू मंदिर बंद’ जैसे नारे लिखे प्लेकार्ड्स का इस्तेमाल किया। उन्होंने मांग की है कि राज्य में श्रद्धालुओं के लिए सभी मंदिरों के कपाट खोले जाएं। विरोध प्रदर्शन के दौरान मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद था। भाजपा कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग को तोड़कर मंदिर में घुसने का प्रयास भी किया। विरोध प्रदर्शन की अगुआई कर रहे भाजपा नेता प्रवीण दारेकर ने कहा कि राज्य में शराब और वाइन की दुकानें खोल दी गई हैं लेकिन उनके बारे में कौन सोचेगा जो मानसिक शांति के लिए मंदिर जाते हैं।
पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘राज्य सरकार ने शराब की दुकानों, रेस्त्रां और बीयर बार खोलने की अनुमति तो दे दी, लेकिन मंदिर और अन्य धार्मिक स्थल सात महीने से भी अधिक समय से बंद हैं।’ पाटिल ने कहा कि भाजपा ने 13 अक्टूबर को विभिन्न धार्मिक संगठनों द्वारा आयोजित सांकेतिक उपवास को समर्थन देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘हमने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को उनसे संबंधित जिलों में उपवास में शामिल होने के लिए कहा है। पूरे राज्य में मंदिरों के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा।’
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