– डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
कहा जाता है कि सच्चे मित्र की पहचान आपदा के समय होती है । यह विचार केवल व्यक्तिगत विषयों तक सीमित नहीं है। विदेश नीति में भी यह सिद्धांत लागू होता है। उसमें भी दोस्त और दुश्मन होते हैं। चुनौती के समय साथ देने वाला देश ही सच्चा दोस्त होता है। इस हिसाब से इजरायल और रूस आदि भारत के सच्चे दोस्त हैं । इन्होंने संकट के समय सदैव खुलकर भारत का समर्थन किया है। इजरायल के साथ सहयोग बढ़ाने में भारत को पहले संकोच होता था। मध्यपूर्व के समीकरण इस दिशा में प्रगति को बाधित करते थे। नरेन्द्र मोदी ने इस संकोच को दूर किया। उन्होंने भारत के हित को वरीयता दी। इसी हिसाब से विदेश नीति का निर्धारण किया। इसमें मध्यपूर्व के मुस्लिम मुल्कों के साथ ही इजरायल से भी संबंध बेहतर बनाने की नीति पर अमल किया गया। अभी एक विवादित बयान को अनावश्यक रूप से तूल दिया गया था। एक दर्जन से अधिक मुस्लिम देशों ने इसकी वास्तविकता जानने का कोई प्रयास नहीं किया। उन्होंने भारत के विरोध में बयान जारी किया। इसके पहले भी ऐसे देश भारत के विरोध में पाकिस्तान का समर्थक करते रहे हैं, जबकि इजरायल खुलकर भारत का समर्थन करता रहा है ।
पिछले दिनों इजरायल के रक्षामंत्री नई दिल्ली और वहां के राजदूत लखनऊ यात्रा पर आए थे। इन यात्राओं से दोनों देशों के संबंध और भी सुदृढ़ हुए हैं ।राष्ट्रीय स्तर पर आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। इसके साथ ही इजरायल उत्तर प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों तक सहयोग का विस्तार करेगा। कुछ दिन पहले इजरायल के रक्षामंत्री बेंजामिन गैंट्ज भारत पहुंचे थे । रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ उनकी वार्ता हुई । इसमें रक्षा सहयोग, वैश्विक और क्षेत्रीय परिदृश्य से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई। द्विपक्षीय रणनीतिक और रक्षा सहयोग मजबूत करने पर दोनों देशों के बीच व्यापक सहमति बनी। राजनाथ सिंह ने बताया कि हम इजरायल के साथ अपनी सामरिक साझेदारी को बहुत महत्व देते हैं। दोनों देशों ने एक विजन स्टेटमेंट अपनाया है। जो भविष्य में रक्षा सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगा। द्विपक्षीय रणनीतिक और रक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर दोनों देशों के बीच व्यापक सहमति है।
इजरायली रक्षामंत्री की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात हुई । इजरायली मंत्री गैंट्ज के साथ चीफ ऑफ स्टॉफ मायन इजरायली, अंतरराष्ट्रीय रक्षा सहयोग निदेशालय के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल यायर कुलासो, नीति और पीओएल-एमआईएल ब्यूरो के निदेशक डॉर शालोम और सैन्य सचिव बीजी याकी डॉल्फ भारत दौरे पर आये थे । यात्रा के दौरान दोनों पक्ष इजरायल और भारत के बीच तीस साल के राजनयिक और रक्षा संबंधों को चिह्नित करते हुए एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए । दोनों देश राजनयिक संबंधों की स्थापना के तीस साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। इस बीच भारत और इजरायल ने रक्षा संबंध बढ़ाए हैं। भारतीय जहाजों की नियमित सद्भावना यात्राओं के हिस्से के रूप में पश्चिमी बेड़े के तीन भारतीय नौसैनिक जहाजों ने पांच वर्ष पहले आइफा में बंदरगाह का दौरा किया था। इसके बाद नौसेना प्रशिक्षण जहाज आईएनएस तरंगिनी ने भी हाइफा का दौरा किया था। बहुपक्षीय वायु सेना अभ्यास ‘ब्लू फ्लैग’ गत वर्ष इजरायल में आयोजित किया गया जिसमें भारत ने भी भाग लिया था।
भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन और इजरायल के रक्षा अनुसंधान एवं विकास निदेशालय ने द्विपक्षीय नवाचार समझौते पर हस्ताक्षर किए थे । पिछले साल भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अक्टूबर में, तत्कालीन भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने नवंबर में और वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने अगस्त में इजरायल का दौरा किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इजरायल का दौरा किया था, जिसमें संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में अपग्रेड किया गया था। इसके बाद इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत यात्रा पर आए। भारत और इजराइल के मध्य द्विपक्षीय सम्बन्ध सतत प्रगाढ़ हो रहे हैं। दोनों देशों के बीच तीस वर्षों से सुदृढ़ राजनयिक सम्बन्ध रहे हैं। मोदी जी ने वर्ष 2017 में अपनी इजराइल यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में इजरायल के राजदूत के नेतृत्व में इजरायल के एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर इजरायल और भारत, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के मध्य सम्बन्धों को और प्रगाढ़ करने के सम्बन्ध में विचार-विमर्श किया गया। विगत वर्षों में भारत-इजरायल के पारस्परिक सम्बन्धों ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इजराइल के सहयोग से प्रदेश के जनपद बस्ती और कन्नौज में स्थापित दो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस अपने उद्देश्यों में सफलता प्राप्त कर रहे हैं। योजना हॉर्टिकल्चर और सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में नए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की है। इस कार्य में भी राज्य सरकार को इजरायल से आवश्यक सहयोग प्राप्त होगा। उत्तर प्रदेश में स्थापित हो रहा डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर इजरायल के उद्यमियों को निवेश के अवसर उपलब्ध करा रहा है। प्रदेश में पर्याप्त प्राकृतिक संसाधन तथा दक्ष मानव संसाधन उपलब्ध हैं। राज्य सरकार रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश में निवेश की इच्छुक कम्पनियों को सभी जरूरी सुविधाएं एवं प्रोत्साहन उपलब्ध करा रही है।
इजरायल के प्रतिष्ठानों के लिए यह अच्छा मंच है। ड्रोन और एंटी ड्रोन तकनीक के सम्बन्ध में इजरायल के पास पर्याप्त अनुभव है। उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में निवेश के लिए विचार किया जाना चाहिए। राज्य सरकार अपने पुलिस बल के आधुनिकीकरण की योजना पर कार्य कर रही है। इस कार्य में इजरायल हमें सहयोग कर सकता है। विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं के सुदृढ़ीकरण में भी इजरायल अच्छा सहयोगी बन सकता है। प्रदेश में कृषि के साथ-साथ खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में विकास की असीम सम्भावनाएं हैं। इजरायरल इस क्षेत्र में अपनी भागीदारी प्रदान कर सकता है। राज्य सरकार द्वारा एनसीआर के यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण क्षेत्र में मेडिकल डिवाइस पार्क का विकास किया जा रहा है। इजरायल की कम्पनियां इसमें निवेश के लिए आमंत्रित हैं। बुंदेलखंड में सिंचाई और पेयजल के क्षेत्र में इजरायल के तकनीकी सहयोग से नवीन परियोजना प्रस्तावित है। इसकी फीजिबिलिटी रिपोर्ट आ चुकी है। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट शीघ्र तैयार हो जाएगी। यह परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों को बारह महीने फसल प्राप्त करने में उपयोगी होगी। हर घर नल योजना अपने उद्देश्य में सफल होगी। इजरायल और भारत नए क्षेत्रों में मिलकर कार्य कर रहे हैं। इजरायल सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर कृषि,सिंचाई,पेयजल और जल संरक्षण के क्षेत्र में जो कार्य किये जा रहे हैं। उन्हें आगे बढ़ाया जाएगा। डिफेंस प्रोडक्शन, पुलिस मॉडर्नाइजेशन और उद्योगों के विकास में तकनीक का हस्तांतरण भी किया जाएगा। इजरायल सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार संयुक्त समूह बनाकर इन कार्यों को गति देंगी। निकट भविष्य में इजरायल पुलिस आधुनिकीकरण, कृषि आधुनिकीकरण, किसानों को पानी के बेहतर उपयोग, बुंदेलखंड में पेयजल उपलब्धता और रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को सहयोग करेगा।
(लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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