नई दिल्ली । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री (Union Health Minister) मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने गुरुवार को कहा कि कोविड महामारी (Covid Pandemic) के खिलाफ भारत (India) की लड़ाई (Fight) में दो मुख्य स्तंभ (Two Main Pillars) मजबूत नेतृत्व (Strong Leadership) और सामूहिक प्रयास (Collective Efforts) हैं।
मंडाविया ने नीति आयोग से जुड़े एनजीओ के साथ ‘इंडियाज पब्लिक हेल्थ रिस्पांस टू सीओवीआईडी मैनेजमेंट’ पर एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा, “कोविड महामारी के खिलाफ हमारी कार्य योजना को सभी के सामूहिक प्रयासों के साथ देश भर में लागू किया गया था, इसने भारत की ताकत को एकजुट रूप से दिखाया है।” वर्चुअल वेबिनार में नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत भी मौजूद थे।
मंडाविया ने एनजीओ को संबोधित करते हुए कहा, “कोरोना आपदा के दौरान गैर सरकारी संगठनों ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और जिस तरह से भारत ने एकजुट होकर कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ी है, दुनिया उसकी सराहना कर रही है।” उन्होंने कहा कि एनजीओ ने समुदाय में डर को दूर करने, टीके की हिचक को दूर करने, टीकाकरण के लिए लोगों को जुटाने, कमजोर लोगों तक पहुंचने और सबसे महत्वपूर्ण रूप से प्रामाणिक जानकारी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत के प्रयासों के बारे में बात करते हुए, अमिताभ कांत ने कहा कि भारत और अन्य देशों के ²ष्टिकोण में एक बड़ा अंतर था। कोविड के खिलाफ लड़ाई में भारत का ²ष्टिकोण प्रौद्योगिकी पर आधारित था जिसने हमें इस परिणाम को प्राप्त करने में मदद की। कांत ने कहा कि करीब 14 मिलियन लोगों ने लोगों और खुद के लिए कोविड के खिलाफ टीका उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत में कोविड का टीका सस्ती कीमतों पर उपलब्ध कराया गया।
नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि भारत ने कोविड के खिलाफ लड़ाई में एक व्यवस्थित ²ष्टिकोण अपनाया। टीकाकरण अभियान की सफलता के पीछे भी कई चुनौतियाँ थीं जैसे उत्पादन से लेकर इसके समान वितरण तक, वैक्सीन के बारे में संदेह, प्राथमिकता, भारत में परिवहन के मुद्दे। उन्होंने कहा कि भारत पूरी दुनिया की वैक्सीन राजधानी बन गया है।
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