नई दिल्ली । रक्षा मंत्री (Defense Minister) राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि मजबूत और समृद्ध भारत (Strong and Prosperous India) का निर्माण दूसरों की कीमत पर नहीं होगा (Will not be Built on the Cost of Others), बल्कि भारत यहां (Rather India here) अन्य देशों को उनकी पूरी क्षमता का (Other Countries to their Full Potential) एहसास कराने में मदद करने के लिए है (To Help Them Realize) । हम एक बहु-मार्गरेखा नीति में विश्वास करते हैं, जिसे कई हितधारकों के साथ विविध जुड़ाव के माध्यम से महसूस किया जाता है, ताकि सभी के समृद्ध भविष्य के लिए सभी के विचारों और चिंताओं पर चर्चा की जा सके और उनका समाधान किया जा सके।
मंत्री ने कहा, यह मेरा दृढ़ विश्वास है कि यदि सुरक्षा वास्तव में सभी की जरूरत बन जाती है, तो हम एक वैश्विक व्यवस्था बनाने के बारे में सोच सकते हैं, जो हम सभी के लिए फायदेमंद है। हम बहु-मार्गरेखा के विचार का भी समर्थन करते रहे हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र व्यापक वैश्विक समुदाय के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण बना हुआ है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को पार करने वाली सदियों पुरानी समुद्री लेन ने व्यापार को बढ़ाने में मदद की है। राजनाथ सिंह ने यह सब बातें नई दिल्ली में इंडो-पैसिफिक रीजनल डायलॉग-2022 में शुक्रवार को अपने भाषण के दौरान कही।
रक्षा मंत्री ने कहा कि वैश्विक समुदाय कई प्लेटफार्मों और एजेंसियों के जरिए आर्थिक विकास की दिशा में काम कर रहा है, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद उनमें सबसे प्रमुख है। अब आवश्यकता इस बात की है कि सामूहिक सुरक्षा के प्रतिमान को साझा हितों और सभी के लिए साझा सुरक्षा के स्तर तक बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा, हमें सभी के लिए जीत की स्थिति बनाने का प्रयास करना चाहिए। हमें संकीर्ण स्वार्थ से निर्देशित नहीं होना चाहिए, जो लंबे समय के लिए फायदेमंद नहीं है। उन्होंने कहा, एक गहरा जुड़ाव है जो हमें पूरे हिंद प्रशांत क्षेत्र में मानवता के एक आम संदेश को साझा करने की अनुमति देता है। साझा समृद्धि और सुरक्षा के इस मार्ग के साथ, भारत-प्रशांत क्षेत्र के संबंध में हमारे प्रयासों में आसियान की केंद्रीयता को रेखांकित करता है।
हाल ही में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए बाली में एकत्रित हुए विश्व के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश को सराहा कि युद्ध का युग खत्म हो गया है, अब युद्ध का समय नहीं है। राजनाथ सिंह ने कहा कि जब मानवता जलवायु परिवर्तन, कोविड महामारी, व्यापक अभाव आदि जैसी समस्याओं का सामना कर रही है, तो ऐसे में आवश्यक है कि युद्ध और संघर्षों जैसे विनाशकारी प्रभावों पर काबू पाने के लिए मिलकर काम करें।
उन्होंने कहा, मैं आपके साथ साझा करना चाहता हूं कि इस क्षेत्र में रचनात्मक संबंधों में हमारे भागीदारों के साथ काम करने का हमेशा हमारा प्रयास रहा है। हमने बैंकॉक में आयोजित पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में ‘इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव’ लॉन्च किया है। हमने समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार की दिशा में समुद्री प्लास्टिक प्रदूषण प्रतिक्रिया पर आसियान-भारत पहल का भी प्रस्ताव दिया है, जो अधिक मानवीय ²ष्टिकोण के माध्यम से प्रभावी संघर्ष समाधान और स्थायी शांति की दिशा में योगदान देगा।
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