नई दिल्ली। दस श्रमिक संगठनों की ओर आयोजित देशव्यापी हड़ताल में बैंक कर्मचारी भी शामिल हुए, जिससे हजारों करोड़ रुपये का बैंकिंग कारोबार ठप रहा। इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) के जनरल सेक्रेटरी सीएच वेंकटचलम ने कहा कि हड़ताल के कारण 2 मिलियन यानी 20 लाख चेक, जिसकी वैल्यू लगभग 18 हजार करोड़ रुपये है, क्लियरेंस के लिए नहीं जा सके।
सरकार की कथित तौर पर श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ गुरुवार को एक दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का एआईबीईए ने समर्थन किया था। एआईबीईए के अंतर्गत तमाम बैंक आते हैं। हालांकि, इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), इंडियन ओवरसीज बैंक और निजी क्षेत्र के बैंक शामिल नहीं है। क्योंकि, वह हड़ताल में शामिल नहीं हुए। ज्ञात हो कि ये संगठन 4 लाख बैंक कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करता है।
एक दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के कारण महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, केरल, बिहार और अन्य राज्यों के बैंकिंग लेनदेन प्रभावित रही। हालांकि, चक्रवात के कारण तमिलनाडु सरकार ने प्रदेश के 16 जिलों में छुट्टी की घोषणा पहले ही कर दी थी।
उल्लेखनीय है कि इस देशव्यापी हड़ताल में एआईबीईए के अलावा दूसरे बैंक कर्मचारी यूनियन जिसमें अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी), बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई), आईएनबीईएफ, एआईआरबीईए और एआईआरबीडब्ल्यूएफ, रिजनल बैंकों का यूनियन, को-ऑपरेटिव बैंकों का यूनियन भी शामिल हुआ।
वेंकटचलन ने कहा कि बैंक कर्मचारी संगठन बैंकों के विलय और निजीकरण के खिलाफ हैं। बैंक कर्मियों का कहना है कि कॉर्पोरेट से बैड लोन रिकवरी की जगह सरकार उन्हें राहत और आमलोगों को आफत दे रही है। (एजेंसी, हि.स.)
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