उज्जैन। दुनिया में कोरोना की वापसी के बीच देश में इससे बचाव के लिए सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें हो रही हैं। मैदानी स्तर पर सरकार ने सतर्कता के उपाय तक लागू नहीं किए हैं। कुछ समय पहले तक लागू व्यवस्था के तहत विदेशों से आने वालों के लिए वैक्सीन के दोनों डोज लेना अनिवार्य था, लेकिन उस व्यवस्था को महामारी की दस्तक के बीच भी दोबारा लागू नहीं किया गया है। यहां तक की उड़ानों में मास्क पहनना तक जरूरी नहीं है। ऐसे में विदेशों से आने वाले वायरस को देश में आने से कैसे रोका जाएगा? यह बड़ा सवाल है।उल्लेखनीय है कि दुनिया में चीन, अमेरिका, जापान, ब्राजील, साउथ कोरिया और फ्रांस सहित कई देशों में कोरोना का नया वैरिएंट बीएफ-7 तबाही मचा रहा है। विदेशों से आने वाले लोगों के साथ इस वायरस ने भारत में भी प्रवेश कर लिया है और पिछले कुछ दिनों से देश में भी लगातार इस वायरस से संक्रमित लोग मिल रहे हैं। ज्यादातर लोग वे ही हैं, जो विदेशों से आए हैं। इसके बाद भी देश में विदेशों से आने वाले यात्रियों को लेकर कोई सख्ती नहीं की गई है। देश में कोरोना की पहली लहर में जहां उड़ानों पर पूरी तरह से रोक लगाते हुए लॉकडाउन तक लगा दिया गया था, वहीं दूसरी लहर के दौरान अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से आने वाले सभी यात्रियों की कोरोना जांच की जा रही थी, सभी के लिए क्वारंटिन का नियम बनाया गया था, वहीं तीसरी लहर के दौरान और बाद में भी बाहर से आने वाले सभी यात्रियों के लिए कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीन के दोनों डोज का सर्टिफिकेट होना अनिवार्य किया गया था। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को शुरू करने के साथ ही एयर सुविधा पोर्टल भी लागू किया गया था, जिस पर हर यात्री को अपनी जानकारी दर्ज करना अनिवार्य था, लेकिन बाद में कोरोना के मामलों की कमी को देखते हुए पोर्टल को बंद कर दिया गया और बाहर से आने वालों के लिए वैक्सीनेटेड होना या कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट लाने के नियम को भी कुछ माह से खत्म कर दिया गया, लेकिन अब जब एक बार फिर कोरोना ने दुनिया में दस्तक देते हुए कई जाने ले ली है, तब भी देश में सतर्कता नजर नहीं आ रही है।
एयर इंडिया एक्सप्रेस ने यूएई से आने वाले यात्रियों को वैक्सीनेटेड होने की दी सलाह
सरकार की सुस्ती के बीच एयर इंडिया एक्सप्रेस एक कदम आगे नजर आ रही है। कल ही एयर इंडिया की सहयोगी कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट करते हुए यूएई से आने वाले सभी यात्रियों के लिए एक गाइड लाइन जारी की है। इसमें सभी यात्रियों को वैक्सीन की दोनों डोज लगी होने की सलाह के साथ ही मास्क और शारीरिक दूरी बनाए रखने की भी सलाह दी गई है। हालांकि अब तक शासन द्वारा ऐसे नियम ना बनाए जाने के कारण इसे अनिवार्यता से लागू करने की बात नहीं की गई है।
उड़ानों पर रोक तो दूर, मास्क तक जरूरी नहीं
विशेषज्ञों की माने तो इस समय देश में विदेशों से आने वाले यात्रियों में कोरोना का नया वैरिएंट मिल रहा है और देश में एक बार फिर कोरोना के मामलों में वृद्धि होने लगी है। ऐसे में प्रभावित देशों से आने वाली उड़ानों पर रोक लगाना चाहिए, वहीं अगर रोक नहीं भी लगाई जाती है तो प्रभावित देशों से आने वाले सभी यात्रियों की जांच अनिवार्य किया जाना चाहिए और रिपोर्ट आने तक उन्हें क्वारंटिन में रखना चाहिए, वहीं विदेशों से आने वाले सभी यात्रियों को अपने साथ कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट साथ लाना जरूरी करने के साथ ही वैक्सीनेटेड होने को भी जरूरी किया जाना चाहिए। इस तरह से कोरोना को देश में प्रवेश से रोका जा सकता है, लेकिन इस समय देश में विदेशों से आने वाले सिर्फ 2 प्रतिशत यात्रियों की रैंडम जांच की जा रही है। सख्ती की बातें कितनी खोखली हैं, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि एयरपोर्ट पर और उड़ानों के दौरान यात्रियों को मास्क पहनना तक अनिवार्य नहीं किया गया है।
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