मुंबई। सरकार संसद में चल रहे शीतकालीन शत्र में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर सख्त कानून (strict laws) बना सकती है। इसके तहत क्रिप्टोकरेंसी में लेन देन करने पर गैर जमानती धाराओं में बिना वारंट गिरफ्तारी (Arrest without warrant in non-bailable sections) कर जेल भेजा जा सकता है। इसके अलावा 20 करोड़ रुपये तक जुर्माने (Fine up to Rs 20 crore) का भी प्रावधान होगा।
मामले से जुड़े अधिकारी ने बताया कि संसद में पेश होने वाले बिल के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री, जमा करने या होल्ड करने का काम सिर्फ एक्सचेंज के जरिये ही किया जाएगा। इसमें से किसी भी नियम का उल्लंघन करने पर बिना वारंट गिरफ्तार किया जा सकता है, जो गैर जमानती होगा।
सरकार 20 करोड़ रुपये तक जुर्माना और डेढ़ साल की सजा का नियम भी बना सकती है। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी के अंधाधुंध विज्ञापनों पर भी रोक लगाने की तैयारी में है, क्योंकि इससे निवेशकों को गलत जानकारी देकर उकसाने की शिकायतें मिली हैं। बिल में क्रिप्टोकरेंसी को होल्ड करने वाले वॉलेट पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है और यह काम सिर्फ एक्सचेंज के जरिये करने की छूट होगी। एक अनुमान के मुताबिक, करीब दो करोड़ भारतीयों ने क्रिप्टोकरेंसी में 45 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है।
निवेशकों को समय देगी सरकार
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बनने वाले कानून में सरकार निवेशकों को संपत्ति की घोषणा करने और नए नियमों का पालन करने के लिए पर्याप्त समय दे सकती है। इससे स्पष्ट है कि सरकार की मंशा इस पर पूर्ण प्रतिबंध के बजाए नियमन करने की है। बिल में क्रिप्टोकरेंसी के बजाए क्रिप्टोएसेट शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही छोटे निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा भी तय की जाएगी।
सेबी करेगा क्रिप्टो एक्सचेंज की निगरानी
सूत्रों का कहना है कि बाजार नियामक सेबी को क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज की निगरानी का जिम्मा सौंपा जाएगा। इसे संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किए जाने के बाद सिर्फ निवेश की छूट रहेगी और सेबी पूंजी बाजार की तरह इसका नियमन भी करेगा। देश में क्रिप्टोकरेंसी का आधार लगातार बढ़ता जा रहा है और सरकार निवेशकों को इसके जोखिम से बचाने की तैयारी में है। चेनालिसिस की अक्तूबर में जारी रिपोर्ट के अनुसार, जून 2021 तक भारत में क्रिप्टो का बाजार 641 फीसदी बढ़ चुका है।
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