इस्लामाबाद । पाकिस्तान (Pakistan) ने देश में बढ़ रही बलात्कार (rape) की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कानून (Strict law) को मंजूरी दे दी है। इस कानून के अंतर्गत दुष्कर्म के दोषियों को दवा देकर बधिया (Castration by giving medicine to the perpetrators of rape0)भी बनाया जा सकता है। पाकिस्तान की कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद मंगलवार को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नए दुष्कर्म रोधी अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इस अध्यादेश में दुष्कर्म के मुकदमों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों का गठन करने का भी प्रावधान है।
दुष्कर्म के मामलों की सुनवाई 4 महीने में होगी पूरी
राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा गया है कि इस कानून के बाद देश भर में विशेष अदालतों का गठन होगा और उसमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों की त्वरित सुनवाई होगी। अदालतें चार महीने में सुनवाई पूरी कर लेगी। पहली बार या बार-बार दुष्कर्म का अपराध करने वालों का बधिया किये जाने का प्रावधान किया गया है। हालांकि, इसके लिए दोषी की सहमति भी लेनी होगी।
रिपोर्ट दर्ज करने के 6 घंटे के भीतर पीड़िता की होगी मेडिकल जांच
कानून में सबसे महत्वपूर्ण प्रावधान दवा देकर दोषियों का बधिया किये जाने का है। अधिसूचित बोर्ड के मार्गदर्शन में यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी। अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक कानून में प्रावधान किया गया है कि दुष्कर्म रोधी प्रकोष्ठ घटना की रिपोर्ट होने के छह घंटे के भीतर पीड़िता की जांच कराएगा। अध्यादेश के तहत आरोपियों को दुष्कर्म पीड़िता से जिरह की अनुमति नहीं होगी। केवल न्यायाधीश और आरोपी की ओर से पेश वकील ही पीड़िता से सवाल-जवाब कर पाएंगे।
लापरवाही बरतने पर पुलिसकर्मियों को भी होगी सजा
जांच में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों और सरकारी अधिकारियों को तीन साल तक जेल हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। पीड़ितों की पहचान उजागर नहीं की जाएगी और पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। नेशनल डाटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी की मदद से यौन उत्पीड़न के अपराधियों का डाटाबेस भी तैयार किया जाएगा। प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश में दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए पिछले दिनों कड़ा कानून लाने की घोषणा की थी।
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