नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों को 31 जुलाई तक ‘एक राष्ट्र,एक राशन कार्ड’ (One Nation One Ration card) योजना लागू करने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक सुनवाई के दौरान केंद्र को असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के पंजीकरण और उन्हें लाभ देने के लिए एनआईसी की मदद से 31 जुलाई तक पोर्टल विकसित करने का निर्देश दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया कि कोविड की स्थिति रहने तक प्रवासी मजदूरों के बीच मुफ्त वितरित करने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अनाज आवंटित करें. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि राज्य और केंद्रशासित प्रदेश वैश्विक महामारी की स्थिति जारी रहने तक प्रवासी मजदूरों के लिए सामुदायिक रसोई का संचालित करें. कोर्ट ने कहा कि राज्य प्रवासी कामगारों को राशन मुहैया कराने के लिए योजना लाए. शीर्ष अदालत ने राज्यों को 1979 के कानून के तहत सभी ठेकेदारों को पंजीकृत करने का भी निर्देश दिया.
जस्टिस अशोक भूषण और एमआर शाह की पीठ ने तीन एक्टिविस्ट्स की याचिका पर केंद्र और राज्यों को खाद्य सुरक्षा, नकद राशि देने और अन्य कल्याणकारी योजनाओं को सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए. एक्टिविस्ट अंजलि भारद्वाज, हर्ष मंदर और जगदीप छोकर ने प्रवासी श्रमिकों के लिए कल्याणकारी उपायों को लागू करने की मांग करते हुए एक याचिका दायर की थी.
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