नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्र सरकार ने डीपफेक वीडियो (deepfake video) के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है। डीपफेक वीडियो बनाने पर आईटी रूल (it rule) का उल्लंघन होगा और उस व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। सरकार ने जीरो टॉलरेंट पॉलिसी की घोषणा की है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डीपफेक वीडियो बनाने वालों की पहचान की जाएगी।
केंद्र सरकार की तरफ से डीपफेक वीडियो बनाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया गया है। मतलब अगर आप बिना किसी की इजाजत के उसका डीपफेक वीडियो बनाते हैं, तो आपको जेल तक जाना पड़ सकता है, क्योंकि डीपफेक वीडियो बनाने को लेकर केंद्र सरकार नया नियम ला रही है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेंशन मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने हाल ही में टॉप सोशल मीडिया कंपनी के साथ मीटिंग की थी, जिसके बाद डीपफेक वीडियो के खिलाफ सख्त कदम उठाने का ऐलान किया है।
डीपफेक वीडियो को होगी पहचान
रिपोर्ट की मानें, तो सबसे पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डीपफेक वीडियो बनाने वाले की पहचान की जाएगी। इसके बाद उस डीपफेक वीडियो को बनाने वालें की पहचान की जाएगी। इस तरह डीपफेक वीडियो बनने वाले पर कार्रवाई की जाएगी। केंद्र सरकार की मानें, तो डीपफेक एक गंभीर खतरा बनकर उभरा है, जिसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का मूड बनाया गया है।
क्या है डीपफेक
डीपफेक एक टेक्नोलॉजी है, जिसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया है। इस टेक्नोलॉजी की मदद से किसी रियल व्यक्ति का फर्जी वीडियो का फिर ऑडियो बनाते हैं। इमसें मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दोनों टेक्नोलॉजी की मदद ली जाती है।
क्यों पड़ी एक्शन की जरूरत?
अब सवाल उठता है कि आखिर डीपफेक के खिलाफ एक्शन की जरूरत क्यों पड़ी, तो बता दें कि डीपफेक के जरिए बॉलिवुड़, हॉलिवुड, क्रिकेटर और राजनेता के डीपफेक वीडियो बनाए जा रहे हैं, जिसकी वजह से सरकार को डीपफेक वीडियो के खिलाफ सख्ती अपनाई गई है।
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