नई दिल्ली । भारत और खाड़ी देशों के बीच बढ़ते सम्बंधों के बीच इसी माह 10 देशों की वायुसेनाएं संयुक्त अरब अमीरात के आसमान में ‘डेजर्ट फ्लैग’ करेंगी। फ्रांस, अमेरिका और यूएई के साथ इस अभ्यास में शामिल होने के लिए भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान बुधवार को रवाना होंगे।
वायुसेना प्रवक्ता के अनुसार यूएई में 10 देशों की वायुसेनाओं के बीच होने वाले ‘डेजर्ट फ्लैग’ में भारतीय वायुसेना के 6 सुखोई-30-एमकेआई और 2 सी-17 परिवहन विमान बुधवार को संयुक्त अरब अमीरात के लिए रवाना होंगे। इस बहुराष्ट्रीय अभ्यास में भारतीय राफेल जेट हिस्सा नहीं लेंगे जिन्हें एमिरेट की वायुसेना के टैंकरों ने फ्रांस से भारत आते समय यूएई में ही मध्य हवा में ईंधन दिया था। तीन सप्ताह तक चलने वाले ‘डेजर्ट फ्लैग’ में अमेरिका, फ्रांस और सऊदी अरब सहित दस देशों के बीच हाई प्रोफ़ाइल अभ्यास होगा।
भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने कहा कि दो परिवहन विमान सी-17 अभ्यास में शामिल नहीं होंगे बल्कि मदद करने के लिए भारतीय टीम में शामिल होंगे। वायुसेना ने हाल ही में राजस्थान के जोधपुर में फ्रांस के साथ ‘डेजर्ट नाइट-2021’ नाम का एक अभ्यास किया था जिसमें फ्रांस और भारत के राफेल फाइटर जेट शामिल थे। यूएई के ‘डेजर्ट फ्लैग’ में हिस्सा लेने जा रहे सुखोई-30 एमकेआई उस स्क्वाड्रन का हिस्सा हैं जिन्होंने शनिवार को बालाकोट हवाई पट्टी की दूसरी वर्षगांठ को यादगार बनाने के लिए एक अभ्यास लक्ष्य के खिलाफ लंबी दूरी के सटीक हमले किए थे।
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने भी इसी स्क्वाड्रन के पायलटों के साथ मल्टी रोल एयरक्राफ्ट मिराज-2000 में उड़ान भरी थी। इस सॉर्टी में तीन मिराज-2000 और 2 सुखोई -30 एमकेआई शामिल थे।
पिछले साल दिसम्बर में सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे की 6 दिवसीय खाड़ी देशों की यात्रा से भारत के संबंधों में वृद्धि हुई है। उन्होंने सैन्य संबंधों को मजबूत करने के लिए सऊदी अरब और यूएई का दौरा किया था। सेना प्रमुख की यह यात्रा इस मायने में भी ऐतिहासिक रही क्योंकि पहली बार किसी भारतीय सेना प्रमुख ने खाड़ी देशों का दौरा किया था।
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