चूरू: चूरू जिले की सादुलपुर तहसील के भेंसली गांव में स्थित एक घर में महीनेभर में एक के बाद एक तीन मौतें हो चुकी हैं. पिछले करीब एक सप्ताह से ज्यादा समय से लगातार रहस्यमय तरीके से आग लग रही है. इन घटनाओं को लेकर परिवार जहां सदमे में है वहीं गांव के लोग भी दहशत में हैं. एक के बाद एक हो रही मौतों और आग से यह परिवार खौफजदा है. पुलिस भी आग लगने की घटना का मौका मुआयना करने आई थी लेकिन वह भी कुछ पता नहीं लगा पाई.
अब हालात यह हो चुके हैं ग्रामीणों को यहां पेहरा देना पड़ रहा है. भेंसली के ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि गांव के भूप सिंह के घर में पिछले महीने की 1 तारीख को दादी की मौत हुई थी. उसके 13 दिन बीतने के साथ ही उनके छोटे लड़के की मौत हो गई. फिर 13 दिन बाद 28 फरवरी को बड़े लड़के की भी मौत हो गई. सभी को एक बार उल्टी हुई और जान चली गई. अब पिछले एक सप्ताह से ज्यादा समय से घर में कहीं भी अभी भी आग लग जाती है.
ग्रामीणों ने बताया कि भूप सिंह के घर में बेडरूम, रसोई, कमरों, पशुओं के चारे, नोहरे, संदूक और कपड़ों में भी आग लग रही है. रात को भी अचानक आग लग जाने से गांव के दर्जनों लोग पहरे पर रहते हैं. लेकिन फिर भी आग लग जाती है. ग्रामीणों ने बताया कि भूप सिंह की 82 वर्षीय दादी कस्तूरी देवी की मौत 1 फरवरी को हुई थी. उसके बाद 13 दिन बाद उसके 4 वर्षीय बेटे गर्वित की मौत हो गई. उसके 13 दिन बाद 28 फरवरी को उसके दूसरे बेटे 7 वर्षीय अनुराग की भी मौत हो गई. उसके दोनों बेटे अकाल मौत का शिकार हो गए.
ओमप्रकाश ने बताया कि इन वजह से भूप सिंह के परिवार की ही नहीं बल्कि ग्रामीणों की भी रातों की नींद हराम हो चुकी है. घर के अंदर अचानक आग लगने की यह घटनाएं चौंकाने वाली है. आग लग जाने के बाद भी दिन-रात जलती रहती है. उसे बुझाने के बाद भी वह फिर से भड़कने लगती है.
गांव के 60 वर्षीय होशियार सिंह ने बताया कि आग पर काबू पाने के लिए 2 ट्रेक्टरों पर पानी स्प्रे करने की मशीन मौके पर लगाई गई है ताकि आग पर तुरंत काबू पाया जा सके. लेकिन इस रहस्यमयी आग लगने का वास्तविक कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है. विज्ञान विषय के व्याख्याता राजकुमार बताते हैं कि आग एक रासायनिक प्रक्रिया है, जिसमें ईंधन और ऑक्सीकरण एजेंट प्रतिक्रिया करते हैं. कई ऐसे केमिकल है जो हवा के संपर्क में आने से आग पकड़ लेते हैं. फास्फोरस भी उनमें से एक ऐसा पदार्थ है. लेकिन वहां आग क्यों लग रही है कुछ कह नहीं सकते.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved