जीआरपीएफ ने मासूमों को सौंपा विभाग को… परिवार की होगी तलाश
इंदौर। लम्बे समय से रेलवे स्टेशन (railway station) पर दो मासूमों (two innocent ones) के साथ भीख (begging) मांगकर गुजर-बसर कर रही महिला ने कल दोपहर दम तोड़ दिया। दो साल और तीन साल के दो मासूमों को वह लावारिस छोड़ (leave unattended) स्वर्ग सिधार गई। जाते-जाते पुलिस (Police) को पिता के जेल (jail) में होने की जानकारी दी और बच्चों को सुरक्षित रखने की गुहार लगाई।
नाम, पता भी नहीं मालूम
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दोनों मासूम अपना नाम भी नहीं बता पा रहे हैं। ढाई साल के मासूम का रो-रोकर बुरा हाल है। मां की याद में वह कुछ भी खा-पी नहीं रहा है। महिला एवं बालविकास विभाग की विडम्बना यह है कि पुलिस को भी उक्त महिला की जानकारी नहीं मिली है। लावारिस शव के रूप मे उसकी पहचान की गई है। अब विभाग के सामने बच्चों के परिवार की तलाश के साथ-साथ पिता की खोज का भी प्रश्न खड़ा हो गया है। जेल प्रबंधन को पत्र लिखकर इन बच्चों के पिता की तलाश की जाएगी, ताकि इन्हें संरक्षण देने के पहले पहचान मिल सके।
अनाथ आश्रम भेजेंगे… दिया जा सकता है गोद
विभागीय अधिकारियों के अनुसार बच्चों को अनाथ आश्रम भेजा जा सकता है। यदि एक साल तक बच्चों के पिता व परिवार की जानकारी नहीं मिली तो उन्हें गोद देने की प्रक्रिया में शामिल कराया जाएगा। हालांकि अभी विभाग पिता की तलाश में जुट गया है। आधार कार्ड रजिस्ट्रेशन के माध्यम से भी बच्चों की जानकारी जुटाने में कोशिश की जाएगी।
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