जालोर। एक ओर जहां देश आजादी के 75 साल पूरे होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है, वहीं दूसरी ओर छुआछूत और सामाजिक बहिष्कार जैसी प्रथाएं अपने मूलरूप में ही कायम हैं। आज भी दलित समुदाय के लोगों को मंदिर प्रवेश से रोका जा रहा है। राजस्थान के जालोर जिले में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें दलित समुदाय के एक नवविवाहित जोड़े को मंदिर में प्रवेश से ना सिर्फ रोका गया, बल्कि उन्हे अपमानित भी किया गया।
पीड़ित पक्ष की शिकायत के बाद अब पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बताया गया कि आहोर तहसील के साडन गांव से ऊकाराम राठौड की बारात नीलकंठ गांव के हुकमाराम मेघवाल के घर आई थी, जहां ऊकाराम की शादी संतु के साथ हुई।
जानकारी के मुताबिक, जालोर जिले के भाद्राजुन थाना क्षेत्र के नीलकंठ गांव में 21 अप्रैल को हुई शादी के बाद अगले दिन एक नवविवाहित जोड़ा नारियल चढ़ाने के लिए गांव के नीलकंठ महादेव मंदिर गया था। नवविवाहित जोड़े के साथ उनके कुछ रिश्तेदार भी साथ गए थे। बताया गया कि जब नवविवाहित जोड़ा मंदिर पहुंचा और तो मंदिर के पुजारी ने उन्हें मंदिर से बाहर रोक दिया और दूर से ही नारियल चढ़ाने को कहा।
पीड़ित पक्ष ने बताया कि जब वे मंदिर पहुंचे तो पुजारी ने नियमों का हवाला देते हुए उन्हें मंदिर प्रवेश से रोक दिया। पुजारी ने उन्हें कहा कि गांव के नियम हैं कि उनके समुदाय के लोग मंदिर में नहीं आ सकते, ऐसे में वे बाहर दूर से ही नारियल रख कर चले जाए। इस दौरान वर-वधु के साथ आए कुछ युवकों की पुजारी से कहासुनी भी हो गयी, लेकिन फिर भी उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया।
मामला बढ़ने के दौरान मंदिर के पास खड़े कुछ लोग भी मौके पर पहुंचे और वर-वधु के साथ आए लोगों को गांव के नियम मानने का कहा। उन्हें कहा कि जब उनका प्रवेश निषेध है, तो वे जिद क्यों कर रहे है। इस बीच जब वर-वधु के साथ आए लोगों ने मंदिर में जबरन प्रवेश की बात कही, तो गांव वालों ने उन्हें गांव में पंचायत का डर दिखाया।
इस पूरे विवाद के दौरान वर-वधु के साथ आईं औरतें मदिंर में पुजारी के हाथ जोड़ती रहीं। पुजारी से हाथ जोड़ने के साथ ही महिलाएं अपने साथ आए लोगों को शांत कराने का प्रयास करती रहीं। मंदिर से बाहर निकलकर गांव के लोगों से बातचीत के दौरान भी महिलाएं हाथ जोड़कर विनती करती रहीं।
घटना के कुछ वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं, जिसमें दलित समुदाय के वर-वधु और उनके साथ आए लोगों को मंदिर प्रवेश से रोका जाता हुआ साफ दिख रहा है। इतना हीं नही पीड़ित पक्ष से असभ्य भाषा में गाली गलौच करते हुए भी देखा जा सकता है।
इस मामले में वधु पक्ष के ताराराम मेघवाल ने थाना भाद्राजुन पर मामला दर्ज करवाया है। थानाधिकारी प्रताप सिंह ने बताया कि पीड़ित ने आरोप लगाया कि नीलकंठ गांव के महादेव मंदिर के पुजारी ने उन्हें मंदिर में प्रवेश करने से रोका और उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया। सिंह ने बताया कि एससी/एसटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच वृताधिकारी द्वारा की जाएगी।
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