अचानक मुख्यमंत्री ने बुलाई बैठक, इंदौर कलेक्टर भी पहुंचे, सांवेर से ही शुद्ध होगा पानी
इंदौर। आज सुबह उज्जैन से इंदौर आकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) भोपाल पहुंचे। वहीं कल शाम उन्होंने अचानक उज्जैन में ही बैठक बुलाई, जिसमें देवास और इंदौर कलेक्टर कोभी शामिल किया गया। मुख्य रूप से क्षिप्रा नदी में जो गंदा पानी मिल रहा है, अब उसकी सख्ती से रोकथाम करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए और कहा कि स्टॉप डेम और ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए साफ पानी ही छोड़ा जाए, ताकि क्षिप्रा शुद्ध रहे। इस संबंध में इंदौर संभागायुक्त कोकार्य योजना बनाने के भी निर्देश दिए गए। नमामि गंगे प्रोजेक्ट की भी जानकारी मुख्यमंत्री ने इस बैठक में ली।
इंदौर की कान्ह नदी में तो दूषित पानी मिलता ही है, वहीं इसके साथ-साथ यशवंत सागर सहित अन्य अतिरिक्त जल उज्जैन की क्षिप्रा में भी मिलता है, जिसको लेकर कई बार साधु-संतों ने भी हंगामा मचाया है। अब चूंकि मुख्यमंत्री उज्जैन के ही हैं, लिहाजा कल उन्होंने बैठक बुलाई, जिसमें उज्जैन, देवास, इंदौर कलेक्टर के अलावा इंदौर के नवागत कलेक्टर आशीष सिंह भी शामिल हुए। वहीं इंदौर संभागायुक्त माल सिंह भी पहुंचे, जिन्हें निगम के अपशिष्ट पदार्थ और उद्योगों के गंदे पानी रोकने की कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि सांवेर, रामवासा, पंथ पिपलई, राघो पिपलिया में स्टॉप डेम बनाए जाएं और यहां वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट भी लगे, ताकि साफ पानी का उपयोग किसान सिंचाई के लिए कर सकें और गंदा पानी क्षिप्रा में जाने से भी रूकेगा। बीते दो सालों में इन क्षेत्रों में कई नई कॉलोनियां भी डवलप हो गई है। लिहाजा सीवरेज के पानी की निकासी की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाए। खासकर कान्ह नदी पर पक्का स्टॉप डेम बनाया जाए और सदावल में पम्पिंग स्टेशन है, लिहाजा पानी को स्टॉप डेम की ओर डायवर्ट किया जाए और सांवेर में ही अगर गंदे पानी को ट्रीटमेंट प्लांट और स्टाप डेम बनाकर नियंत्रित और शुद्ध कर लिया जाएगा तो अशुद्ध पानी क्षिप्रा में मिलेगा ही नहीं। मुख्यमंत्री ने नरसिंह घाट में भी गंदगी इक_ी ना होने देने और नई टेक्रोलॉजी से कचरा अपशिष्ट प्रबंधन करने के निर्देश भी दिए।
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