नई दिल्ली। शेयर बाजार देश में गोल्ड (स्वर्ण) एक्सचेंज स्थापित कर सकेंगे। इसके लिए बाजार नियामक सेबी ने वॉल्ट (तिजोरी) प्रबंधन नियमों को अधिसूचित कर दिया है। गोल्ड एक्सचेंजों से देश में एक गतिशील स्वर्ण पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होने की उम्मीद है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 31 दिसंबर, 2021 को जारी अधिसूचना में कहा कि वॉल्ट प्रबंधक सेबी के मध्यवर्ती के रूप में पंजीकृत होंगे और उनका नियमन किया जाएगा। वे इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट्स (ईजीआर) के सृजन को जमा किए गए सोने के लिए वॉल्ट (तिजोरी) सेवाएं देंगे। नए नियमों को सेबी वॉल्ट प्रबंधन नियम कहा जाएगा, जो 31 दिसंबर से प्रभावी हो गए हैं।
बाजार नियामक ने सितंबर, 2021 में गोल्ड एक्सचेंज बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसके तहत सोने का कारोबार ईजीआर के रूप में होगा। एक्सचेंज घरेलू स्तर पर एक पारदर्शी हाजिर मूल्य खोज तंत्र स्थापित कर सकेंगे। सोने का ‘प्रतिनिधित्व’ करने वाले ‘माध्यम’ को ईजीआर कहा जाएगा। इन्हें प्रतिभूतियों के रूप में अधिसूचित किया जाएगा। इन ईजीआर में अन्य प्रतिभूतियों की ही तरह व्यापार, समाशोधन और निपटान की खूबियां होंगी।
ये होंगे वॉल्ट प्रबंधक के दायित्व
अधिसूचना में वॉल्ट प्रबंधकों के दायित्व भी तय किए गए हैं। इसके तहत, उन्हें जमा स्वीकार करने के साथ सोने का भंडारण कर उसे सुरक्षित रखना होगा। इसके अलावा, ईजीआर का सृजन और उसकी निकासी, शिकायतों का समाधान करना एवं आवधिक आधार पर हाजिर सोने का डिपॉजिटरी के रिकॉर्ड के साथ मिलान करना भी उनकी जिम्मेदारी होगी। साथ ही इन दस्तावेजों को कम-से-कम पांच साल के लिए सुरक्षित रखना होगा।
पंजीकरण के लिए करना होगा आवेदन
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