नई दिल्ली. शेयर बाजार में गिरावट थमने (Stock Market Crash) का नाम नहीं ले रहा है. हर दिन मार्केट गिरकर बंद हो रहा है, जिससे निवेशकों (Investors) के बीच एक डर का माहौल गहरा होता जा रहा है. 27 सितंबर (September 27) से लेकर अभी तक का डाटा देखें तो निवेशकों को 50 लाख करोड़ रुपये (50 lakh crore) से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. वहीं Sensex-Nifty इंडेक्स अपने रिकॉर्ड हाई से 10 फीसदी टूट चुके हैं. यानी कि अब मार्केट में इस गिरावट को करेक्शन नाम दिया जा सकता है. Reliance Industries, Tata Motors और एशियन पेंट्स जैसे हैवीवेट शेयरों में ज्यादा गिरावट आई है.
शेयर बाजार में आए इस करेक्शन से पुराने से लेकर नए निवेशक सभी के पोर्टफोलियो में रिटर्न काफी कम हो चुके हैं. ज्यादा गिरावट मिडकैप और स्मॉल कैप इंडेक्स में आई है. बीते एक महीने के दौरान निफ्टी इंडेक्स में 1400 अंक या 5.60% की गिरावट आई है. एक सप्ताह में 630 अंक या 2.60 प्रतिशत की कमी आई है. वहीं सेंसेक्स (Sensex) 3770 अंक या 4.60% गिरा है. एक सप्ताह के दौरान 1500 अंक या 2 फीसदी की गिरावट आई है.
बीएसई मिडकैप इंडेक्स 1 महीने में 8.63% या 4,191 अंक और बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 7.24% या 4100 अंक गिरा है. वहीं आज भी शेयर बाजार में गिरावट देखी जा रही है. बीएसई सेंसेक्स 191 अंक टूटकर 77,499.95 लेवल पर पहुंच गया है. Nifty 43 अंक गिरकर 23,515.70 पर पहुंच गया है.
पहली वजह- शेयर बाजार में गिरावट की बड़ी वजह कई कंपनियों के तिमाही नतीजे खराब आए हैं. रिलायंस से लेकर एशियन पेंट्स और इंडसइंड बैंक के नतीजों ने सबसे ज्यादा डराया है.
दूसरा बड़ा कारण- अमेरिका में ट्रंप की जीत से महंगाई बढ़ने की आशंका गहरा गई है. अमेरिकी 10 वर्षीय बॉन्ड की पैदावार में उछाल आया और डॉलर चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जो कि आज CPI महंगाई को बढ़ावा दे सकता है. फेड रेट कट की उम्मीदें भी कम हो चुकी हैं.
तीसरा कारण- भारतीय शेयर बाजार से विदेशी निवेशक तेजी से भाग रहे हैं. पिछले महीने 1 लाख करोड़ से ज्यादा का अमाउंट शेयर बाजार से निकाले गए थे. वहीं पिछले सप्ताह विदेशी निवेशकों ने 20 हजार करोड़ की निकासी की थी. भारतीय बाजार से पैसा निकालने का बड़ा कारण ग्लोबल मार्केट में तेजी है और निवेशक ट्रंप के आने से ग्लोबल मार्केट की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं.
चौथी वजह- चीन ने अपनी इकोनॉमी को बेहतर करने के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया है. इससे विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से निकासी कर चीन की ओर आकर्षित हो रहे हैं.
अभी क्या करना चाहिए?
शेयर बाजार में गिरावट के बीच कई एक्सपर्ट्स की सलाह है कि निवेशकों को अभी भारतीय शेयर बाजार में इंतजार करना चाहिए और जबतक की बाजार में उतार-चढ़ाव स्थिर नहीं हो जाती है, तबतक कुछ भी खरीदारी करने से बचना चाहिए और पहले से ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है.
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