नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन में बढ़ते तनाव के चलते कमजोर वैश्विक संकेतों के अनुरूप भारतीय शेयर बाजार जोरदार गिरावट के साथ खुला। सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को शेयर बाजार खुलते ही धड़ाम हो गया। बाजार के दोनों सूचकांकों में जोरदार गिरावट देखने को मिली।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 1024 अंक टूटकर 57 हजार से नीचे आ गया और 56,659 के स्तर पर खुला, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के निफ्टी सूचकांक ने 299 अंक फिसलकर 17 हजार के नीचे आ गया। फिलहाल, निफ्टी 16,907 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इस गिरावट के चलते बाजार खुलने के कुछ ही मिनटों में निवेशकों को करीब पांच लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
सेंसेक्स के 30 शेयर लाल निशान पर
बाजार खुलने के साथ ही लगभग 254 शेयरों में तेजी आई, 1932 शेयरों में गिरावट आई और 48 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। इस बीच सेंसेक्स के सभी 30 शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं। डॉ रेड्डीज लैब्स, एलएंडटी, एशियन पेंट्स, टीसीएस और यूपीएल निफ्टी पर सबसे ज्यादा गिरावट वाले शेयरों में से थे, जबकि केवल ओएनजीसी लाभ में रहा। इससे पहले सोमवार को सेंसेक्स जहां 149 अंक फिसलकर 57,683 के स्तर पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी भी 70 अंक की गिरावट के साथ 17,206 के स्तर पर बंद हुआ था।
दुनियाभर के बाजारों पर दिखा असर
भारत ही नहीं बल्कि रूस-यूक्रेन में गहराते संकट का असर दुनियाभर के शेयर बाजारों पर दिखाई दे रहा है। एशिया से लेकर यूरोप के बाजारों भारी गिरावट दर्ज की गई है। जहां एक ओर भारतीय शेयर बाजार मंगलवार को खुलने के साथ ही धड़ाम हो गया, वहीं यूरोपीय बाजारों पर नजर डालें तो एटीएसई 0.39 फीसदी, सीएसी 2.04 फीसदी और डैक्स 2.07 फीसदी टूटकर बंद हुआ। एशियाई बाजारों को देखें तो एसजीएक्स निफ्टी में 1 फीसदी ज्यादा और हैंगसेंग में 3.23 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं शंघाई एसई कम्पोजिट इंडेक्स 1.19 फीसदी, जबकि ताइवान टी सेक्ट 50 इंडेक्स 1.87 फीसदी टूटा है।
कच्चे तेल का भाव 96 डॉलर के पार
एक ओ जहां शेयर बाजारों में गिरावट का दौर जारी है, वहीं दूसरी ओर मंगलवार को ब्रेंट क्रूड का भाव 8 साल के हाई पर पहुंच गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड का कीमत 96 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गई है। गौरतलब है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों डोनेत्स्क और लुहांस्क की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है। इसके बाद अमेरिका ने पूर्वी यूक्रेन में विद्रोही क्षेत्रों के खिलाफ वित्तीय प्रतिबंधों की घोषणा की, जिन्हें रूस द्वारा नए सिरे से मान्यता दी गई है।
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