नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के नतीजों (results of lok sabha elections) के बाद महाराष्ट्र की राजनीति (politics of Maharashtra) में अटकलों का दौर शुरू हो गया है. लोकसभा चुनाव में शिंदे और अजित गुट (Shinde and Ajit faction) को बड़ी हार मिली है. शिंदे गुट मौजूदा सांसदों की सीटें भी बरकरार नहीं रख सका है. लोकसभा चुनाव में मौजूदा सांसदों में से सिर्फ सात सांसद ही चुने गए हैं. ऐसे में विधासनभा चुनाव से पहले शिंदे गुट के खेमे में भगदड़ मचने के आसार हैं. सूत्रों का कहना है कि शिंदे गुट के छह विधायकों ने उद्धव ठाकरे से संपर्क किया है. ये सभी छह विधायकों ने ठाकरे समूह में शामिल होने की इच्छा जताई है.
शिवसेना शिंदे गुट के 6 विधायक शिवसेना ठाकरे के संपर्क में हैं. कहा जा रहा है कि सभी छह विधायक उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में ठाकरे गुट में शामिल होंगे. ठाकरे समूह के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर यह जानकारी दी है. अगर उद्धव ठाकरे इन छह विधायकों को पार्टी में शामिल करवा लेते हैं, तो शिंदे समूह के अन्य विधायक भी ठाकरे समूह में शामिल हो सकते हैं. शिंदे गुट के विधायकों के ठाकरे के साथ शामिल होने के सवाल पर ठाकरे समूह के विधायक सचिन अहीर ने बेहद सधी हुई प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि हमने यह दावा नहीं किया कि छह विधायक हमारे संपर्क में हैं. दिवाली के बाद से कई लोग हमसे संपर्क कर रहे हैं. हमारे लिए यह मुद्दा अब खत्म हो चुका है. सचिन अहीर ने कहा कि हम अपने लोगों को विधानसभा लड़ाएंगे.
न सिर्फ शिंदे गुट में, बल्कि अजित पवार गुट और बीजेपी में भी लोकसभा चुनाव के बाद से बेचैनी है. इस लोकसभा चुनाव में शिंदे गुट, अजित गुट या बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है. गुरुवार को अजित पवार की बैठक से पांच विधायक अनुपस्थित थे. विधायकों की अनुपस्थित को लेकर कयास लगाये जा रहे हैं. हालांकि बाद में अजित पवार गुट की ओर से प्रतिक्रिया आई है कि सभी विधायक उनके संपर्क में हैं.
बता दें कि एकनाथ शिंदे के शिवसेना में बगावत करने के बाद ठाकरे गुट के 13 सांसद अलग हो गए थे. शिंदे गुट ने लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के साथ 15 सीटों पर चुनाव लड़ा था. उनमें से केवल सात ही निर्वाचित हुए. यानि शिंदे गुट को आठ स्थानों पर हार मिली. इनमें शिंदे गुट को मौजूदा छह सांसदों के निर्वाचन क्षेत्रों में हार स्वीकार करनी पड़ी. बीजेपी ने सर्वे के नाम पर शिंदे गुट पर काफी दबाव बनाया था. इसलिए, भावना गवली और अन्य को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने टिकट देने से इनकार कर दिया. शिंदे के विधायकों को डर है कि विधानसभा चुनाव में भी ऐसा ही होगा. इसलिए कहा जा रहा है कि इन विधायकों ने ठाकरे समूह से संपर्क करना शुरू कर दिया है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved