उत्तरकाशी: इंतजार की घड़ियां लगातार बढ़ती जा रही हैं…पिछले 15 दिन से उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को अभी बाहर नहीं निकाला जा सका है. निकालने के हर प्रयास विफल साबित हुए हैं. हालांकि, हैदराबाद से मंगाए गए प्लाज्मा कटर से ऑगर मशीन के ब्लैड को काटकर बाहर निकाला जा रहा है और इसमें तकरीबन 6 घंटे लगने का अनुमान है. इसके बाद ऑगर मशीन को अनइंस्टॉल किया जाएगा, तब जाकर मैनुअल ड्रिल का काम शुरू होगा.
दिल्ली से 7 लोगों की एक टीम उत्तरकाशी आई है. टनल की मैनुअल ड्रिलिंग में ये टीम मदद करेगी. ये वो लोग हैं, जो लंबे समय से टनल का काम कर रहे हैं. इन लोगों को टनल के कामों का खासा अनुभव है. मैनुअल ड्रिलिंग जो आज से होना बताया जा रहा था, तो अभी इस काम में और इंतजार करना पड़ेगा. मैनुअल ड्रिलिंग का काम शुरू होने में अभी 24 से तीस घंटे और लगने का अनुमान है.
सभी मजदूरों को बाहर निकालने के लिए स्थानीय लोगों की ओर से वहां के मंदिरों में बाबा भोखनाग की पूजा अर्चना चल रही है. लोग बाबा भोखनाग से अंदर फंसे मजदूरों को सकुशल बाहर निकालने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. वहीं, अब टनल में फंसे मजूदूरों के तनाव को कम करने के लिए अधिकारियों ने मजदूरों को कार्ड गेम्स मुहैया कराने का फैसला किया है. इसके तहत टनल के अंदर लूडो और शतरंज मजदूरों के खेलने के लिए भेजे जाएंगे.
टनल के अंदर 41 मजदूर फंसे हुए हैं
पिछले 12 नवंबर से 41 मजदूर टनल के अंदर फंसे हैं. मजदूरों को टनल से बाहर निकालने के लिए ऑगर मशीन मंगाई गई थी. लेकिन, उसके भी ब्लेड टूट गए, जिस वजह से पिछले दो दिन से ड्रिलिंग का काम रुका हुआ है. सीएम धामी ने कल कहा था कि अब ड्रिलिंग का काम मैनुअल किया जाएगा. मजदूरों को हर हाल में सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा.
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