- राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने कहा कि स्कूलों द्वारा भारी बैग बच्चों से उठवाया जा रहा है तो इसकी शिकायत डीईओ को करें
- निजी स्कूलों के प्रायमरी और माध्यमिक की पढ़ाई के बच्चों को ले जाना होता है 10 किलो से अधिक का भार
उज्जैन। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बच्चों की पीठ से बस्ते का बोझ घटाने के लिए शिविर तो लगाए गए हैं लेकिन यह कारगर होंगे इसमें संदेह है। स्कूल वालों पर सख्ती जरूरी है और बच्चों के कंधों से अभी भी भारी बोझ नहीं उतर रहा है। शिविर लगाकर हिदायत दी गई। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष आर.के.वाणी के निर्देश पर स्कूल बैग पॉलिसी-2020 का कठोरतापूर्वक पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश प्रदान किए गए हैं, जिसके अनुसार जिला न्यायाधीश अरविंद कुमार जैन ने अभिभावकों से आग्रह किया यदि स्कूल द्वारा विद्यार्थियों को भारी बैग ले जाने के लिए मजबूर किया जाता है, तो वे जिला शिक्षा अधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज कराएं। कार्यवाही न होने पर माता-पिता प्राधिकरण के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं या दूरभाष नंबर 0734-2536266 पर सूचना दे सकते हैं।
शिकायत करने वाले अभिभावकों की पहचान गुप्त रखी जाएगी। शिकायत प्राप्त होने पर प्राधिकरण ऐसे स्कूलों का निरीक्षण करेगा जो विद्यार्थियों को भारी बैग ले जाने के लिए मजबूर करते हैं। शासन द्वारा इस तरह के कृत्यों की अनुमति नहीं है। आरोप सही पाए जाने पर प्राधिकरण द्वारा स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में कार्यालय जिला शिक्षा विभाग उज्जैन को नीतियों को लागू करने के लिए निर्देशित किया गया है। केंद्र सरकार ने नवंबर-2020 को निर्देश जारी कर समस्त राज्य सरकारों को स्कूल बैग पॉलिसी का कठोरतापूर्वक पालन करने के निर्देश दिये थे, परंतु अभी भी कुछ स्कूलों द्वारा इसका पालन न किया जाना चिंता की बात है। इस संबंध में जिला न्यायाधीश द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी कर जानकारी मांगी गई है कि उक्त नीति का पालन सभी शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों द्वारा किया जा रहा है अथवा नहीं।