गबन के मामले में मैनेजर ने खुद को बताया एजेंट
इन्दौर। सेवा सहकारी संस्था में गबन में फंसे असिस्टेंट मैनेजर ने खुद को एजेंट बताकर जमानत मांगी तो सेशन कोर्ट ने केस डायरी देखने के बाद उसे जमानत देने से इंकार करते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी।
सूत्रों के अनुसार ग्राम पलासिया स्थित सेवा सहकारी संस्था मर्यादित के मैनेजर श्यामलाल पटेल, असिस्टेंट मैनेजर संजय सिंह पिता सुमेरसिंह राजपूत, बंशीधर पटेल व शेखर पटेल पर इल्जाम है कि उन्होंने 25 फरवरी 2016 से 22 मई 2018 के बीच 51 किसानों से उनके ऋण खाते में जमा करने हेतु रूपये 35 लाख 39 हजार 75 रूपये प्राप्त किए थे। किंतु किसानों को इस राशि की रसीदें नहीं दी गई और न संस्था में जमा नहीं कराई। इंदौर प्रीमियम कॉपरेटिव बैंक लि. शाखा क्षिप्रा द्वारा सेवा सहकारी संस्था में हुई अनियमितता एवं गबन की जांच आयुक्त सहकारिता जिला इंदौर एवं बैंक के मुख्य कायर्पालन अधिकारी द्वारा गठित संयुक्त जांच समिति के सदस्य डी.पी. खरिया, वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक अनिल हर्षवाल आदि से कराई तो जालसाजी उजागर हुई जिस पर उनके खिलाफ गबन, धोखाधड़ी, दस्तावेजों में हेरफेर व सबूत छिपाने के मामले में केस दर्ज कराया गया था। जज आरके पाटीदार ने सुनवाई के बाद अपराध की गंभीरता का हवाला देते हुए यह कहकर जमानत अर्जी खारिज कर दी कि मामले में मैनेजर श्यामलाल पटेल की अर्जी गत 3 जुलाई को ही खारिज हुई है, ऐसे में उसे भी जमानत नहीं दी जा सकती है।
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