प्रयागराज (Prayagraj) । उमेश पाल हत्याकाण्ड के फरार शूटरों को पकड़ने की जगह अब एसटीएफ अतीक (ateek Ahmed) की पत्नी शाइस्ता (wife shaista) को ढूंढ़ने में लग गई है। उसकी पूरी टीम शाइस्ता, अशरफ (ashraf) की पत्नी जैनब (wife zainab) व अतीक की बहन आयशा नूरी (sister ayesha noori) को पकड़ने के लिये प्रयागराज से दिल्ली तक दबिश दे रही है। लखनऊ में भी अतीक व असद के मददगारों का ब्योरा खंगाला गया। अतीक व अशरफ की हत्या के बाद शाइस्ता ने किसी से सम्पर्क नहीं किया। उसके कई रिश्तेदारों के नम्बर भी सर्विलांस पर है। एसटीएफ के साथ ही प्रयागराज पुलिस को मददगारों से पता चला कि शाइस्ता के पास काफी रकम और जेवर है। एसटीएफ यह भी पता करने में लगी हुई कि किन मददगारों के नेटवर्क से वह अभी तक छिपी हुई है।
प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या सरेआम कर दी गई थी। इसमें नामजद अतीक, अशरफ, शूटर अरबाज, उस्मान चौधरी, असद, गुलाम मारे जा चुके हैं। अरमान, साबिर और गुड्डू मुस्लिम अभी जेल जाने से बचे हुये हैं। इस हत्या के दूसरे अतीक की पत्नी शाइस्ता सामने आयी थी और अतीक व बेटे को बेकसूर बताया था। लेकिन जैसे-जैसे लोग पकड़े जाते रहे, इस केस की परतें खुलती रही। इसमें ही साफ हुआ कि अतीक के साथ शाइस्ता भी पूरी साजिश में शामिल थी। आयशा नूरी के घर पर ही गुड्डू मुस्लिम ने पांच मार्च को शरण ली थी। इसके बाद ही शाइस्ता के साथ ही आयशा पूरी व अशरफ की पत्नी जैनब भी मोस्ट वान्टेड की सूची में आ गई।
शाइस्ता किसकी मदद से अब छिपी हुई
एसटीएफ के एक अधिकारी बताते हैँ कि उमेश हत्याकाण्ड के मुख्य आरोपित अब रहे नहीं ऐसे में शाइस्ता की मदद कौन कर रहा है…। यह अहम सवाल है और इसका जवाब पाने के लिये ही एसटीएफ की प्रयागराज, नोएडा, वाराणसी, लखनऊ समेत कई जगह की टीमें लगी हुई है। शाइस्ता के नेटवर्क को भेद पान में एसटीएफ और प्रयागराज पुलिस अभी तक नाकाम रही है। शाइस्ता के मददगारों की तलाश प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, नोएडा व दिल्ली में की जा रही है। दो दिन पहले एक टीम कानपुर भी गई थी।
रुपयों को लेकर शाइस्ता की न हो जाए हत्या
एक अधिकारी का कहना है कि दिल्ली में पकड़े गये मददगारों और अतीक के बहनोई डॉ. अखलाक ने एसटीएफ के सामने शाइस्ता के पास लाखों रुपये नगर होने की बात कुबूली थी। इन लोगों ने काफी जेवर भी उसके पास होने की बात कही थी। दरअसल, फरारी के दौरान कैश मैनेजमेट का काम शाइस्ता को ही देखना था। उसने ही सबके लिये आईफोन व अन्य चीजें खरीदवायीं थी। अब अतीक, अशरफ, असद के न होने से शाइस्ता का कोई करीबी मददगार नहीं बचा। एसटीएफ का कहना है कि इस परिस्थिति में कोई भी शाइस्ता से रुपये लूटने के लिये हत्या कर सकता है। यही वजह है कि एसटीएफ और प्रयागराज पुलिस शाइस्ता, जैनब व आयशा नूरी को ढूंढ़ने के लिये लगातार छापेमारी कर रही है।
शाइस्ता पर एक लाख रुपये इनाम करने की तैयारी
फरार शाइस्ता परवीन पर अब इनाम बढ़ाने की तैयारी भी हो रही है। उमेश हत्याकाण्ड में उसकी भूमिका उजागार होने पर पहले 25 हजार रुपये इनाम घोषित किया गया था। फिर यह इनाम 50 हजार रुपये हुआ। अब उस पर इनाम बढ़ाकर एक लाख रुपये कराने की कवायद शुरू हो गई है। प्रयागराज पुलिस एक-दो दिन में इसकी संस्तुति कर देगी।
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