लखनऊ । योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) ने स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर (Chhatrapati Shahu Ji Maharaj University, Kanpur) के कुलपति विनय पाठक के खिलाफ (Against Vice Chancellor Vinay Pathak) भ्रष्टाचार के आरोपों (Allegations of Corruption) की जांच करने का निर्देश दिया (Directed to Investigate) । पाठक पर अपने सहयोगी अजय मिश्रा के साथ परीक्षा संचालित करने वाली कंपनी के बिलों का भुगतान करने के लिए 1 करोड़ 41 लाख रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है। एसटीएफ ने घटना के सिलसिले में अजय मिश्रा को गिरफ्तार किया है।
परीक्षा कराने वाली निजी कंपनी के मालिक जानकीपुरम के डेविड मारियो दानिश ने शनिवार को इंदिरा नगर थाने में मामला दर्ज कराया था। दानिश का आरोप है कि उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय के वीसी रहे विनय पाठक कार्यकाल के दौरान उनके दबाव डालने पर बिलों के भुगतान के लिए अजय मिश्रा को पैसे दिए।
डेविड की कंपनी आगरा यूनिवर्सिटी के साथ 2014-15 से 2020 तक काम कर रही थी। पाठक के आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति रहने के दौरान उनकी कंपनी ने एक अनुबंध के तहत परीक्षा संचालन कराया था।
डेविड ने कहा कि अपने बकाए के भुगतान के लिए जब उन्होंने कानपुर विश्वविद्यालय में पाठक से उनके आवास पर मुलाकात की तो उनसे कहा गया कि उन्हें 15 प्रतिशत कमीशन देना होगा। इसके बाद वीसी पाठक के कहने उसने अजय मिश्रा को 1.41 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
डेविड ने पुलिस से की शिकायत में कहा कि उनकी कंपनी को काली सूची में डाल दिया गया और उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी गई। पुलिस ने विनय पाठक और उनके सहयोगी अजय मिश्रा के खिलाफ रंगदारी, धमकी और भारतीय दंड संहिता की अन्य संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
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