बीजिंग। चीन सेना (china army) ने पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स (Gogra-Hot Springs) के पेट्रोलिंग प्वाइंट’ (पीपी)-15 (Patrol Point’ (PP)-15) से भारतीय सेना और खुद को पीछे हटने वाले फैसले को शांति को बढ़ावा देने वाला कदम बताया है। चीनी सेना ने आगे कहा, चीन-भारत कोर कमांडर-स्तरीय बैठक (commander-level meeting) के 16वें दौर में बनी सहमति के अनुसार, जियानन डाबन क्षेत्र में सीमा पर तैनात दोनों सेनाओं के सैनिकों ने हाल में योजनाबद्ध तरीके से एक साथ पीछे हटना शुरू किया। चीनी सेना गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में पीपी 15 को जियान डाबन कहती है।
चीनी रक्षा प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल टैन केफेई ने अपने ने कहा है कि यह दोनों पक्षों द्वारा राजनयिक एवं सैन्य स्तर पर विचार-विमर्श करने और सभी स्तरों पर बातचीत के माध्यम से प्रासंगिक सीमा मुद्दों को हल करने का एक परिणाम है। यह सीमावर्ती क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल कदम है।
दोनों पक्ष के मिलकर काम करने की उम्मीद
उन्होंने कहा कि चीन को उम्मीद है कि दोनों पक्ष समान दिशा में मिलकर काम करना जारी रखेंगे और ऐसा करते समय वे दोनों देशों और सेनाओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों के समग्र हितों को ध्यान में रखेंगे तथा दोनों देशों के बीच हुए समझौतों एवं आम सहमति का सख्ती से पालन करेंगे।
संवाद बनाए रखने की उम्मीद
इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देश संवाद बनाए रखेंगे, मतभेदों को प्रभावी ढंग से दूर करेंगे और सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा और स्थिरता की संयुक्त रूप से रक्षा करेंगे। भारत लगातार कहता रहा है कि द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास शांति बनाए रखना महत्वपूर्ण है। गतिरोध को हल करने के लिए दोनों सेनाओं ने कोर कमांडर स्तर की 16 दौर की बातचीत की।
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