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स्टीफन हार्पर, हामिद करजई, अब्दुल्ला शाहिद, विश्व नेताओं ने डॉ. मनमोहन सिंह को इन शब्दों में किया याद

December 27, 2024

नई दिल्ली. भारत (India) के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Dr. Manmohan Singh) का गुरुवार की रात दिल्ली के AIIMS हॉस्पिटल में निधन हो गया. पूर्व पीएम के निधन के बाद केंद्र सरकार ने शुक्रवार को होने वाले सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और देश में 7 दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है. डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर दुनिया भर से शोक संवेदनाएं आ रही हैं. मालदीव (Maldives) और अफगानिस्तान (Afghanistan) सहित पड़ोसी मुल्कों के नेताओं ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा दुख जाहिर किया है. इसके साथ ही नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री के योगदान और देशों के साथ अच्छे संबंधों का भी जिक्र किया है.


अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “भारत ने अपने सबसे शानदार बेटों में से एक को खो दिया है. डॉ. मनमोहन सिंह अफगानिस्तान के लोगों के लिए साथ ना छोड़ने वाले सहयोगी और दोस्त थे. मैं उनके गुजरने पर गहरा शोक व्यक्त करता हूं और उनके परिवार, भारत के लोगों और सरकार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. उनकी आत्मा को शांति मिले.

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने लिखा, “मनमोहन सिंह के गुजर जाने की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ. मुझे हमेशा उनके साथ काम करना अच्छा लगता था और वे एक दयालु पिता के जैसे थे. वे मालदीव के अच्छे दोस्त थे.

डॉ. मनमोहन सिंह ने अमेरिका-भारत संबंधों को आगे बढ़ाने, आधुनिक बनाने और दोनों लोकतंत्रों को रणनीतिक, आर्थिक और तकनीकी एकरूपता के रास्ते आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई. सिविलियन न्यूक्लियर एनर्जी सहयोग पर परिवर्तनकारी समझौते को हासिल करने में अपने नेतृत्व के जरिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आधुनिक द्विपक्षीय संबंधों के निर्माता के रूप में सही मायने में माना जाता थाय

भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि पूर्व पीएम के निधन को भारत और रूस के लिए अत्यंत दुःख और शोक का क्षण बताया. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “हमारे द्विपक्षीय संबंधों में डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान अतुलनीय है. उनका सौम्य व्यवहार हमेशा आकर्षक रहा है, साथ ही एक अर्थशास्त्री के रूप में उनकी विशेषज्ञता और भारत की तरक्की के प्रति उनके लगाव पर कोई सवाल नहीं उठा सकता.”

कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने सोशल मीडिया पोस्ट करते हुए कहा, “मुझे अपने पूर्व सहयोगी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ है. वे शानदार दिमाग, ईमानदारी और ज्ञान के धनी व्यक्ति थे. लॉरेन और मैं उनके परिवार और दोस्तों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं.

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला शाहिद ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की. उन्होंने कहा, “भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ. मुझे 2011 में मालदीव की उनकी यात्रा याद है, जहां मैंने, तत्कालीन संसद के अध्यक्ष के रूप में, उन्हें मजलिस की बैठक को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया था. मुझे 2007 में विदेश मंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान हमारी बातचीत भी याद है. मुझे उनके दिमाग और ज्ञान से बहुत फायदा हुआ. वे हमेशा मालदीव के दोस्त रहे. उनकी आत्मा को शांति मिले और उनके परिवार और प्रियजनों को उनकी विरासत से सांत्वना मिले. इस नुकसान पर भारत के लोगों और सरकार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं.”

अमेरिकी राजनयिक और US-इंडिया बिजनेस काउंसिल (USIBC) के अध्यक्ष अतुल केशप ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया. श्रद्धांजलि देते हुए केशप ने डॉ. सिंह को भारत और अमेरिका के बीच आधुनिक द्विपक्षीय संबंधों का निर्माता बताया.

पूर्व PM मनमोहन सिंह का निधन, 7 दिन का राजकीय शोक
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, “अमेरिका, भारत के लोगों के प्रति पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त करता है. वे अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी के सबसे बड़े समर्थकों में से एक थे और उनके काम ने पिछले दो दशकों में हमारे देशों द्वारा मिलकर हासिल की गई अधिकांश उपलब्धियों की नींव रखी. अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु सहयोग समझौते को आगे बढ़ाने में उनके नेतृत्व ने अमेरिका-भारत संबंधों की क्षमता में एक बड़े निवेश का संकेत दिया.”

1971 में सरकार में एंट्री
1971 में डॉ. सिंह भारत सरकार से जुड़े और वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार बने. 1972 में उन्हें वित्त मंत्रालय का मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया. इसके बाद उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जिनमें वित्त मंत्रालय के सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष जैसे पद शामिल हैं.

वित्त मंत्री के रूप में योगदान
1991 से 1996 तक, डॉ. सिंह भारत के वित्त मंत्री रहे. इस दौरान उन्होंने आर्थिक सुधारों की एक व्यापक नीति लागू की, जिसे विश्वभर में सराहा गया. इन सुधारों ने भारत को आर्थिक संकट से उबारकर एक नई दिशा दी. डॉ. मनमोहन सिंह 1991 में पहली बार राज्यसभा के सदस्य बने। उन्होंने असम का प्रतिनिधित्व पांच बार किया और 2019 में राजस्थान से राज्यसभा सदस्य बने. 1998 से 2004 तक, जब भारतीय जनता पार्टी सत्ता में थी, डॉ. सिंह राज्यसभा में विपक्ष के नेता रहे. उन्होंने 1999 में दक्षिण दिल्ली से लोकसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली.

2004 में बने थे प्रधानमंत्री
2004 के आम चुनावों के बाद 22 मई को उन्हें भारत का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया. उन्होंने 2009 में दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और 2014 तक इस पद पर बने रहे.

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