नई दिल्ली। मौसम बदलने के साथ बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे हमें अपनी सेहत का काफी ध्यान रखना चाहिए. गर्मी और बारिश (heat and rain) के मौसम में चलने वाली हवाओं के कारण एक खास तरह का बुखार काफी अधिक फैलता है, जिसे हे फीवर (Hay Fever) कहा जाता है. गर्मी और बारिश में (मार्च से सितंबर के बीच) चलने वाली हवाएं कुछ ऐसे कणों को हवा में छोड़ती हैं जो सांस के द्वारा गले और नाक में चले जाते हैं, जिससे बुखार और एलर्जी हो जाती है.
आंख में खुजली, नाक बहना, साइनस, डार्क सर्कल, थकान, जुकाम, खांसी, बुखार इसके लक्षण हैं. इस हे फीवर में कुछ चीजों के सेवन से बचना चाहिए, नहीं तो स्थिति और गंभीर हो सकती है. अब वे कौन सी चीजें जो हे फीवर में खाने से बचना चाहिए, उनके बारे में जान लीजिए.
1.चीज (Cheess)
चीज में हिस्टामाइन कैमिकल पाया जाता है जो इम्यून सिस्टम (immune system) द्वारा किसी एलर्जी के संपर्क में आने पर शरीर में रिलीज होता है. हिस्टामाइन रिलीज होने पर यह शरीर में सूजन और जुकाम का कारण बन सकता है. हिस्टामाइन चीज के साथ कई खाद्य पदार्थों में भी पाए जाते हैं इसलिए ऐसे फूड्स के सेवन से बचें. जरूरत हो तो डॉक्टर की सलाह पर एंटीहिस्टामाइन टेबलेट ले सकते हैं, जो कि इसके असर को कम कर सकता है.
3. शराब (Alcohol)
अल्कोहल में हिस्टामाइन पाए जाते हैं जो फीवर के दौरान आंख में खुजली को बढ़ा देते हैं और सूंंघने की क्षमता कम कर सकते हैं. बीयर, साइडर और रेड वाइन जैसी ड्रिंक में हिस्टामाइन अधिक होते हैं जो हे फीवर के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं. इसलिए इनका सेवन करने से बचें.
दरअसल, शराब पीने से लिवर पर एक लोड बढ़ सकता है, जिसके कारण शरीर से हिस्टामाइन को साफ करना लिवर के लिए मुश्किल हो जाता है और लक्षण बने रहते हैं.
4. मिठाई (Sweet)
चीनी और प्रोसेस्ड फूड (processed food) शरीर में हिस्टामाइन प्रोडक्शन का कारण बनते हैं, जिससे हे फीवर के लक्षण और अधिक बढ़ सकते हैं. इसलिए मीठे का सेवन काफी कम करें या फिर बंद कर दें.
5. कुछ फल और सब्जियां (Fruit and Vegetables)
हे फीवर वाले लोगों को डाइजेशन संबंधित समस्याएं और फूड एलर्जी भी हो सकती है. एलर्जी के कारण व्यक्ति को ताजे फल खाने के बाद गले में खुजली, कान में खुजली, जीभ या होंठ में सूजन हो सकती है. इसलिए कुछ एसिड या खट्टे फलों का सेवन करने से बचें.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. हम इनकी पुष्टि नहीं करते है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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