भोपाल। नजूल की जमीन आवंटन के नए नियमों के मुताबिक अब किसी महापुरुष की प्रतिमा को बीच सड़क तिराहे या चौराहे पर स्थापित करने की अनुमति नहीं मिलेगी। चौराहों पर प्रतिमाओं के कारण पीक ऑवर्स में ट्रैफिक जाम हो जाता है। इससे लोगों का कितना समय बर्बाद होता है। नजूल नियमों की वजह से चौराहों पर ट्रैफिक जाम की ऐसी तस्वीरें अब बदलने वाली हैं। शहरों में ट्रैफिक सुधार के लिए सरकार ने बड़ा फैसला किया है। अब तिराहों और चौराहों पर प्रतिमा स्थापना के लिए किसी को भी अनुमति नहीं मिलेगी। प्रतिमा स्थापना को लेकर स्पष्ट कहा गया है कि तिराहों, चौराहों के बीच इन्हें स्थापित करने से ट्रैफिक में समस्या आती है और भविष्य में यदि सड़क का विस्तार करना हो तो इसमें प्रतिमा होने से विवाद की आशंका बनती है। शासन ने यह भी तय कर दिया है कि अधिकतम केवल सौ वर्गफीट जमीन का ही आवंटन इसके लिए स्थानीय निकाय को किया जाएगा और वहां की सारी व्यवस्था स्थानीय निकाय द्वारा संभाली जाएगी। हालांकि इसके लिए स्थानीय निकाय से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। जमीन आवंटन भी अब वर्टिकल डेवलपमेंट के हिसाब से होगा।
पुलिस जता चुकी रोटरियों पर आपत्ति
सर्वे में सामने आ चुका है कि जहां ट्रैफिक सिग्नल हैं, वहां पर बीच में रोटरी नहीं होना चाहिए, इससे सिग्नल स्पष्ट नहीं दिखते। पूर्व में राजधानी के कई चौराहों पर रोटरियों को छोटा किया जा चुका है। कई चौराहों पर रोटरियों को पूरी तरह से हटा दिया गया है।
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