भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि देश को आजादी दिलाने (liberate the country) में योगदान देने वाले अमर शहीदों के बलिदान (Sacrifice of immortal martyrs) को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। आज देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर (sacrifice everything for the country) करने वाले क्रांतिवीरों को याद करने का समय है। शहीद भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव, वीरांगना लक्ष्मीबाई, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, टंट्या मामा, भीमा नायक, रामप्रसाद बिस्मिल सहित अनेक अमर शहीदों ने भारत को आजाद कराने में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि भोपाल में अमर शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की प्रतिमाएं लगाई जाएंगी।
मुख्यमंत्री चौहान गुरुवार शाम को भोपाल के रविन्द्र भवन में शहीद भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव तथा परमवीर चक्र विभूषित विक्रम बत्रा और मनोज पाण्डे की शहादत के स्मृति प्रसंग को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज अमर शहीद हेमू कालानी का जन्म-दिन भी है, मैं उन्हें नमन करता हूँ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता हर इसांन का जन्मसिद्ध अधिकार है। शहीद भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को आज ही के दिन 1931 को फाँसी दी गई थी। वे भारत को आजाद होते देखना चाहते थे। उनके दिल में देश-भक्ति का ज़ज्बा और जुनून था। अंग्रेजों ने समय से पहले उन्हें फाँसी दी थी। वे फाँसी के तख्ते से भी इंकलाब जिंदाबाद का उद्घोष करना चाहते थे।
उन्होंने कहा कि अमर शहीद क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव की प्रतिमा भोपाल में लगाई जाएगी। इसके लिए मनुआभान टेकरी का चयन किया गया है। पहली से 12वीं तक की पाठ्य-पुस्तकों में उनके बलिदान की गाथा को पढ़ाया जायेगा, जिससे आगे आने वाली पीढ़ियाँ उनसे प्रेरणा ले सकें और देश-भक्ति की भावना से कार्य कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीनों क्रांतिवीरों को याद करने के लिए राज्य सरकार ने यह कार्यक्रम कराया है।
प्रारंभ में मुख्यमंत्री चौहान ने अमर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने शहीदों के परिजन का स्वागत कर स्मृति-चिन्ह, श्रीफल और अंगवस्त्र भेंट कर सम्मान किया।
शहीद भगत सिंह के परिजन किरणजीत संधु ने कहा कि भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव का आज 92वां बलिदान दिवस है। भगत सिंह का जीवन एक विरासत के तौर पर था। उनके पूर्वजों ने भी अंग्रेजों से संघर्ष किया। भगत सिंह ने नौजवान भारत सभा का गठन किया था। उन्होंने अंग्रेजों से संघर्ष करते हुए अनेक क्रांतिकारी कदम उठाए। स्वतंत्रता सेनानियों को अधिकार दिलाने के लिए उन्होंने 114 दिन भूख हड़ताल की थी। परमवीर चक्र से सम्मानित शहीद केप्टन विक्रम बत्रा के परिजन गिरधारीलाल बत्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। शब्दयोगी मनोज मुंतशिर शुक्ला ने अपने सांगीतिक दल के साथ देश-भक्तिपूर्ण प्रस्तुतियाँ दीं।
शहीद हेमू कालानी की गाथा स्कूली पाठ्यक्रम में पढ़ाई जायेगी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज अमर शहीद हेमू कालानी का 100वां जन्म-दिवस है। उन्होंने 19 वर्ष की उम्र में फाँसी के फंदे को चूम लिया था। उन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया। अमर शहीद हेमू कालानी की प्रतिमा भोपाल में मनुआभान टेकरी पर लगाई जायेगी।
मुख्यमंत्री चौहान गुरुवार शाम को अमर शहीद हेमू कालानी के जन्म-दिवस पर रविन्द्र भवन परिसर में सिंधी सेन्ट्रल पंचायत भोपाल के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में सिंधी समाज के प्रतिनिधि और समाज के लोग उपस्थित थे। मुख्यमंत्री चौहान को समाज के लोगों ने प्रतीक-चिन्ह भेंट किया। मुख्यमंत्री ने भजन वीडियो एलबम का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अमर शहीद हेमू कालानी की गाथा प्रदेश के स्कूली पाठ्यक्रम में पढा़ई जायेगी। वे सिंधी समाज और भारत माँ के गौरव थे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में शहीद हेमू कालानी की जीवन बलिदान गाथा पर केन्द्रित नाट्य भी देखा। उन्होंने नाट्य में किरदार निभाने वाले कलाकारों का सम्मान किया। कार्यक्रम में समाज के लोगों का सम्मान किया गया। (एजेंसी, हि.स.)
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