भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने शनिवार को एकता की मूर्ति को लेकर अहम बैठक की जिसमे शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास के पदाधिकारी और कई संत शामिल हुए। इस प्रोजेक्ट पर करीब 2000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस बैठक में महामंडलेश्वर आचार्य अवधेशानंद (Mahamandaleshwar Acharya Awadheshanand) समेत कई प्रमुख संत जैसे, स्वामी परमात्मानंद सरस्वती महाराज, स्वामी चिदानन्दपुरी, स्वामी हरिब्रम्हेन्द्रानंद महाराज, मुकुल कानिटकर स्वामी मित्रानंद, पद्यश्री वी.आर. गौरीशंकर, स्वामी वेदतत्वानंद शामिल थे। साल 2017 में मुख्यमंत्री शिवराज ने आचार्य शंकर की प्रतिमा संग्रहालय एवं अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान की स्थापना की घोषणा की थी।
बैठक में ओमकारेश्वर में स्थापित होने वाली 108 फीट ऊंची शंकराचार्य जी की प्रतिमा (Statue of Shankaracharya), संग्रहालय और अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान के संबंध में चर्चा की गई। सरकार का कहना है की आचार्य शंकर की ज्ञान भूमि ओंकारेश्वर का प्रकल्प अद्वैत वेदांत के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रतिमा 54 फीट ऊंचे प्लेटफार्म पर स्थापित की जाएगी। इसकी कुल ऊंचाई 108 फीट होगी। यह प्रोजेक्ट 2023 तक बनकर तैयार होगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 9 फरवरी 2017 को आचार्य शंकर की प्रतिमा संग्रहालय एवं अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान की स्थापना की घोषणा की थी। उसके बाद 1 मई 2017 को प्राकट्य पंचमी (Prakatya Panchami) उत्सव मनाया गया। 19 दिसंबर 2017 से 22 जनवरी 2018 तक प्रतिमा के लिए एकात्म यात्रा, धातु संग्रहण अभियान (metal collection campaign) चलाया गया। 22 जनवरी 2018 एकात्म पर्व मनाया गया। 27 जनवरी 2018 को आचार्य संस्कृत सांस्कृतिक एकता न्यास का गठन किया गया। 8 से 10 दिसंबर 2019 अद्वैत उत्सव का आयोजन हुआ। 4 जून 2021 को वास्तुविदिय सलाहकार समिति बनी।
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