इंदौर (Indore)। शहर के मुख्य रेलवे स्टेशन (main railway station of the city) के रिडेवलपमेंट के टेंडर (tender for redevelopment) बुलाए जाने की समय सीमा रेलवे ने आंतरिक रूप से 15 मार्च कर दी है। पहले इस काम के लिए 15 फरवरी तक टेंडर बुलाए जाना थे, लेकिन इंदौर नगर निगम से प्रोजेक्ट की ड्राइंग-डिजाइन एप्रूव नहीं होने के कारण इसमें देरी हुई। अब रेलवे ने नगर निगम ने प्रोजेक्ट संबंधी डिजाइन और जानकारियां दे दी हैं। नगर निगम अफसरों ने रेलवे को भरोसा दिया है कि वे प्रोजेक्ट स्वीकृति में ज्यादा देरी नहीं करेंगे। अगले हफ्ते तक प्रोजेक्ट फाइनल कर दिया जाएगा।
इंदौर रेलवे स्टेशन रिडेवलपमेंट के लिए रेलवे ने करीब 1000 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट बनाया है। इसमें मुख्य स्टेशन, प्लेटफॉर्म-एक के सामने स्थित रेलवे की जमीन और पार्क रोड स्टेशन का एक साथ आधुनिकीकरण करने की योजना है। पहले चरण में इस साल बजट में इस काम के लिए 340 करोड़ रुपए रेल मंत्रालय ने स्वीकृत किए हैं। रेलवे का लक्ष्य तय किया था कि 15 अप्रैल तक कंपनियों को अपने प्रस्ताव देने का मौका दिया जाएगा, लेकिन हालिया देरी के कारण इसमें भी समय लगेगा। इसी तरह 15 जून तक कंपनी को काम सौंपने का लक्ष्य था, जो अब 30 जून या उसके बाद हो सकेगा।
प्रदेश का अग्रणी शहर पिछड़ा
कहने को इंदौर ज्यादातर योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रदेश में अव्वल रहता है, लेकिन रेलवे स्टेशन रिडेवलपमेंट में प्रदेश के दूसरे बड़े शहरों से पिछड़ गया है। भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन के पुनर्विकास के बाद ग्वालियर में भी रेलवे स्टेशन रिडेवलपमेंट के काम शुरू हो चुके हैं। जबलपुर में भी इसकी तैयारी हो रही है। इधर, इंदौर में टेंडर बुलाने की पहली प्रक्रिया ही महीनाभर पिछड़ गई है। उम्मीद है कि जैसे-तैसे जून-जुलाई तक किसी कंपनी को काम सौंप भी दिया गया, तो भी काम मानसून सीजन के बाद ही शुरू हो सकेगा।
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