भोपाल। मप्र में बारिश और बाढ़ के कारण हजारों किमी सडक़ें जर्जर हो गई हैं। लेकिन लोक निर्माण विभाग के पास बजट ही नहीं है कि वह इन सडक़ों की मरम्मत करा सके। आलम यह है कि एमपीआरडीसी ने खराब सडक़ों के इस्टीमेट बनाकर विभाग को भेजा है। उधर लोक निर्माण विभाग के पास बजट नहीं है और फिलहाल उसने हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसे में लोगों को अभी कुछ महीने और जर्जर सडक़ों पर जान जोखिम में डालकर चलना होगा।
मप्र में आखिर ऐसा क्या है कि बरसात आते ही प्रदेश के ज्यादातर जिलों की सडक़ें जर्जर हो जाती है, इस सवाल का जवाब न ही सरकार के पास है और न ही इन सडक़ों को बनाने वाले ठेकेदारों के पास। इन बदहाल सडक़ों की मरम्मत के लिए प्रदेश सरकार हर साल लाखों-करोड़ों रुपए खर्च करती है, पर एक ही बारिश में सडक़ों की हालत जर्जर हो जाती है। इस तरह की तस्वीर सिर्फ भोपाल ही नहीं बल्कि प्रदेश के ज्यादातर जिलों की है।
शहर से लेकर गांव तक की सडक़ों में गड्ढे
प्रदेश की सडक़ें बारिश और बाढ़ के दौरान जर्जर हो चुकी हैं। नेशनल हाईवे सहित स्टेट हाईवे और शहर और गांव की सडक़ों पर गड्ढे हो गए हैं। एमपीआरडीसी विभाग की ओर से जिलेवार सडक़ों को सुधारने के लिए प्राक्कलन तैयार कर विभागीय अधिकारियों को स्वीकृति के लिए भेजे गए हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि स्वीकृति मिलने के बाद ही मरम्मत का कार्य कराया जाएगा। इधर लोक निर्माण विभाग के अधीन सडक़ों की हालत भी खराब हो रही हैं। सडक़ों पर हुए गहरे गड्ढे और दरारें पडऩे के कारण यहां आवागमन में परेशानी हो रही है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved