नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्र सरकार (Central government)ने केरल में विदेशी सहयोग सचिव(Secretary of Foreign Cooperation) की नियुक्ति को संविधान के विरुद्ध (against the constitution)करार दिया है। केंद्र ने राज्यों (The Centre has given the states)से कहा कि वे अपने संवैधानिक अधिकार(Constitutional Rights) क्षेत्र से बाहर के मामलों में हस्तक्षेप न करें। केंद्र सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में पश्चिम बंगाल को चेतावनी दी थी कि शरणार्थियों के मुद्दे पर उसका कोई अधिकार नहीं है। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर बांग्लादेश में हिंसा नहीं रुकी तो राज्य सरकार भारत भागकर आए लोगों को आश्रय देगी।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची-1 (संघ) के आइटम-10 में स्पष्ट रुप से निर्दिष्ट किया गया है कि विदेश मामले और सभी मामले जो संघ के किसी अन्य देश के साथ संबंध से जुड़े हैं, पर केंद्र सरकार का एकमात्र विशेषाधिकार है। यह समवर्ती या राज्य का विषय नहीं है। हमारी स्थिति यह है कि राज्य सरकारों को उन मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए जो उनके संवैधानिक अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं।
कनाडा भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करेगा
कनाडा में प्रधानमंत्री एवं अन्य नेताओं को सोशल मीडिया के जरिए हत्या की धमकी देने के मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस बारे में रिपोर्टे देखी हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने गुरुवार को साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि जब कोई लोकतंत्र, कानून के शासन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को मापने या लागू करने के लिए अलग-अलग पैमाने अपनाता है, तो यह केवल उसके अपने दोहरे मानदंड को उजागर करता है। हम उम्मीद करते हैं कि कनाडा उन भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगा जिन्होंने बार-बार हिंसा के जरिए भारतीय नेताओं, संस्थानों, एयरलाइंस और राजनयिकों को धमकी दी है। भारत इन धमकियों पर कड़ी और समान स्तर की कार्रवाई देखना चाहता है।
कनाडा में मंदिरों में तोड़फोड़ निंदनीय
कनाडा के एक शहर में मंदिरों में तोड़फोड को लेकर प्रवक्ता ने कहा कि हमने इस मामले को दिल्ली और ओटावा दोनों जगहों पर कनाडाई अधिकारियों के साथ दृढ़ता से उठाया है। हम तोड़फोड़ की निंदा करते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि स्थानीय अधिकारी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी और त्वरित कार्रवाई करेंगे। मंदिरों के विरुद्ध ये हमले बार-बार होने वाली घटना बन गए हैं और एक ऐसे उद्देश्य से किए जाते हैं जिसे समझना मुश्किल नहीं है।
बांग्लादेश से 6700 भारतीय छात्र वापस लौटे
बांग्लादेश के हालत पर उन्होंने कहा कि अब तक 6700 भारतीय छात्र वापस लौट आए हैं। भारत सरकार वहां की स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए है। भारत का मानना है कि वहां की मौजूदा स्थिति बांग्लादेश का आंतरिक मामला है। बांग्लादेश की मदद से हम अपने छात्रों को वापस लाने में सफल रहे हैं। एक नजदीकी पड़ोसी होने के नाते हम वहां जल्दी शांति की वापसी की उम्मीद करते हैं।
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