भोपाल। नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय (Nanaji Deshmukh University of Veterinary Science) के अंतर्गत संचालित वेटरनरी महाविद्यालय परिसर जबलपुर (jabalpur) में प्रदेश का पहला घुड़सवारी स्कूल खोले जाने की तैयारियां हो चुकी हैं। इस स्कूल के अंतर्गत एनसीसी को वैकल्पिक विषय के रूप में लेने वाले विद्यार्थियों (Student) को तीन वर्ष का घुड़सवारी का कोर्स करना होगा। प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष के निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार थ्योरी और प्रायोगिक परीक्षा देना होगी। यहां अन्य महाविद्यालयों के विद्यार्थी भी अध्ययन कर सकेंगे। वेटरनरी महाविद्यालय परिसर में पहले से ही टू एमपी आरएंडवी यूनिट का संचालन किया जा रहा है। जहां एनसीसी कैडेट घुड़सवारी का प्रशिक्षण लेते हैं। प्रदेश के दो अन्य वेटरनरी महाविद्यालयों रीवा, महू में भी घुड़सवारी सिखाई जाती है, लेकिन जबलपुर वेटरनरी महाविद्यालय में अब प्रदेश का पहला घुड़सवारी स्कूल खोला जाएगा। इसे प्रशासनिक स्तर पर अनुमति मिल चुकी है।
मुख्य अंक परीक्षा में जुड़ेंगे
नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डा. सीता प्रसाद तिवारी ने बताया कि वर्तमान में जो विद्यार्थी एनसीसी के अंतर्गत घुड़सवारी का प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं, उन्हें मुख्य परीक्षा में उसके अंक नहीं मिलते। एनसीसी के अंतर्गत घुड़सवारी का प्रशिक्षण प्राप्त करने पर और परीक्षा में बैठने पर इसके अंक मुख्य परीक्षा में जोड़े जाएंगे। घुड़सवारी स्कूल में 60 विद्यार्थियों की सीट रखी जाएगी।
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