नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को लोकसभा (Lok Sabha) में कहा कि मोदी सरकार (Modi government) देश के हर नागरिक के लिए कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि केंद्र से जो भी कल्याणकारी योजनाएं (welfare schemes) चलाई जाती हैं, उनके लिए समय पर पैसा जारी किया जा रहा है। सीतारमण ने लोकसभा में चालू वित्त वर्ष और वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अनुदान और अतिरिक्त अनुदान की मांगों की सूची पर चर्चा का जवाब देते हुए यह बात कही।
वित्त मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए अनुपूरक मांगों की पहली सूची तथा वित्त वर्ष 2020-21 से संबंधित अतिरिक्त अनुदान की मांगों की सूची को पारित कर दिया। सीतारमण ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सूची में कुल एक लाख 29 करोड़ रुपये की 79 अनुदान की अनुपूरक मांगे और तत्संबंधी चार विनियोग प्रस्तुत किए थे। इनमें से 58 हजार 378 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
सीतारमण ने मनरेगा पर सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि केंद्र से मनरेगा के लिए बराबर पैसा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर इसी मद में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा दिया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के हित में बहुत संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। पंजाब के बारे में केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य का यह आरोप कि केंद्र ने पैसा नहीं दिया, सही नहीं है।
इससे पहले सीतारमण ने राज्यसभा में कहा कि व्यवस्था के तहत सरकार सभी राज्यों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का आरंभिक भुगतान करती है लेकिन अंतिम भुगतान राज्यों द्वारा महालेखाकार का प्रमाण पत्र भेजने के बाद किया जाता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति के अनुसार कर्नाटक और केरल को छोड़कर किसी किसी भी राज्य ने यह पिछले वित्त वर्ष और कुछ राज्यों ने उससे पहले का भी महालेखाकार का प्रमाण पत्र नहीं दिया है। नतीजतन, उनका अंतिम भुगतान नहीं किया गया है।
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