भोपाल। भ्रष्ट अफसरों (corrupt officers) से परेशान सरकार अब उनके खिलाफ तुरंत एक्शन की तैयारी में है। भ्रष्टाचार (Corruption) में सबसे उपर रहने वाले राजस्व विभाग से इसकी शुरुआत की जा रही है। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (Revenue Minister Govind Singh Rajput) ने विभाग प्रमुख को ऐसे अफसरों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई और भ्रष्टाचार रोकने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं।
गोविंद सिंह ने कहा आम आदमी से सरकारी काम के लिए कोई पैसा लेगा तो उस पर सख्त कार्रवाई (strict action) होगी। दोषी अफसरों (guilty officers) को सस्पेंड करने और बर्खास्त (dismissed) करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएंगे। किसी भी भ्रष्ट अफसर को बख्शा नहीं जाएगा। जानकारी के मुताबिक 2021 में प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले बीते 4 साल की तुलना में सबसे ज्यादा दर्ज हुए हैं। लोकायुक्त पुलिस और ईओडब्लू (Lokayukta Police and EOW) की रिपोर्ट के मुताबिक सैकड़ों प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
लोकायुक्त ने 250 और EOW में 91 केस रजिस्टर्ड हुए हैं। 2020 में सिर्फ 118 मामले सामने आए थे। इस लिहाज से 2021 में दर्ज हुए मामलों की संख्या 3 गुना है। भ्रष्टाचार के मामले में राजस्व विभाग टॉप पर है। आय से अधिक संपत्ति और पद के दुरुपयोग (abuse) के कई अफसरों पर मामले दर्ज हैं। पटवारी, बाबू , नायब तहसीलदार, तहसीलदार से लेकर एसडीएम तक को ट्रैप किया गया है। दूसरे नंबर पर पंचायत विभाग है। जबकि तीसरे नंबर पर पुलिस विभाग और इसके बाद स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग है। ऐसे में सरकार के कदम वाकई में कितने असरदार होते हैं। यह भी देखना दिलचस्प माना गया है।
राजस्व विभाग भ्रष्टाचार के मामले में टॉप पर है। सबसे ज्यादा लोकायुक्त ने राजस्व विभाग के अफसरों को रिश्वत (bribe to officers) लेते हुए ट्रैप किया है। दूसरे विभागों में बढ़ रहे भ्रष्टाचार को लेकर अब कांग्रेस सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने कहा सरकारी विभागों में पैसे के लेनदेन बिना काम नहीं होता है। मंत्री गोविंद सिंह राजपूत कह रहे हैं आम आदमी से पैसा नहीं लिया जाएगा। लेकिन सक्षम लोगों से वसूली होगी यानि भ्रष्टाचार तो होगा ही। बीजेपी सरकार (BJP government) की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है।
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