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फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर राज्य स्तरीय छानबीन समिति का दोहरा मापदंड

November 10, 2022

  • किसी को क्लीन चिट तो किसी का प्रमाण-पत्र रद्द

भोपाल। मप्र में फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर चुनाव लडऩे, नौकरी करने, प्रमोशन पाने के मामलों की भरमार है। इसकी जांच के लिए राज्य स्तरीय छानबीन समिति बनाई गई है। लेकिन राज्य स्तरीय छानबीन समिति का दोहरा मापदंड चर्चा का विषय बना हुआ है। एक ही तरह के मामले में जहां समिति किसी को क्लीन चिट दे देती है तो किसी का प्रमाण-पत्र रद्द कर देती है। इससे लोग पसोपेस में हैं। अभी हाल ही में फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले से खंडवा से विधायक देवेंद्र वर्मा को क्लीन चिट मिल गई है। एससी मामलों से जुड़ी राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने कुछ अफसरों के जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने का निर्णय लिया है, तो डॉक्टर, रेंजर आदि को प्रमाण प्रस्तुत करने दो माह का समय दिया है। अन्य मामलों में जिलों के एसपी से रिपोर्ट तलब की गई है।

विधायक को क्लीन चिट
गौरतलब है कि विधायक देवेंद्र वर्मा के जाति प्रमाण पत्र को लेकर कुंदन मालवीय ने फर्जी प्रमाण पत्र होने की आशंका जताते हुए अनुसूचित जाति छानबीन समिति में शिकायत की थी। देवेंद्र वर्मा के पिता किशोरीलाल वर्मा पूर्व में राज्यमंत्री रहे हैं और उनके जाति प्रमाण मामले में हाईकोर्ट ने 1990 में उनके पक्ष में निर्णय दिया था। इस आधार पर देवेंद्र वर्मा की जाति सिलावट पाई गई है। समिति ने वर्मा को इस मामले से क्लीन चिट दे दी है, लेकिन इसके बावजूद एसपी खंडवा से शिकायत की जांच करने को कहा है। मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के लेखाधिकारी रामप्रवेश चौहान कोरी होने के कारण इनका जाति प्रमाण पत्र रद्द करने का निर्णय लिया है। सीपीए में सहायक ग्रेड-2 के पद पर पदस्थ रमेश कुमार मेहरा से बैरवा जाति संबंधी दस्तावेज मांगे थे, वे नहीं दे सके।



कईयों से मांगे दस्तावेज
अनुसूचित जाति छानबीन समिति ने जांच के लिए किसी को दस्तावेज देने को कहा, किसी की जांच रिपोर्ट मांगी है। बीएल वर्मा, कथित जाति कोरी, सहायक ग्रेड-3 पीडब्ल्यूडी दस्तावेज पेश नहीं कर सके। शैलेंद्र दिवाकर, जाति धोबी, पुलिस हवलदार, मामले में शासन लेगा निर्णय। राजश्री गजभिए, जाति महार, सहायक अनुभाग अधिकारी, अभिलेख उपलब्ध नहीं, 3 माह का समय दिया। गिरजा देवी, जाति खंगार, सहायक अध्यापक, पिता एवं दादा के मप्र मूल निवासी साक्ष्य प्रस्तुत करना होगा। संतोष कुमार मेहरा, मेहरा जाति का अभिलेख उपलब्ध नहीं होने पर जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने का निर्णय। बीएन खंबरा, जाति बेलदार, कार्यपालन यंत्री, जांच प्रतिवेदन रायसेन एसपी से मांगा। लक्ष्मी वर्मा, धोबी, अभिलेख उपलब्ध नहीं होने पर जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने का निर्णय लिया। एसपी राजपाल, धरकर, रिटायर रेंजर, अभिलेख उपलब्ध नहीं, समिति ने दो माह का समय दिया। डॉ. प्रदन्या काम्बले, महार, हाईकोर्ट द्वारा आदेशित, पूना महाष्ट्र का प्रमाण पत्र लगाया। समिति ने अभिलेख उपलब्ध कराने अंतिम अवसर दिया। विक्रम कटगारिया, बलाई, सहायक अध्यापक, प्रस्तुत अभिलेखों का सत्यापन कराने इंदौर एसपी को लिखा। अनुसूचित जाति विभाग के अपर आयुक्त संजय वाष्र्णेय का कहना है कि राज्य स्तरीय अनुसूचित जाति छानबीन समिति की बैठक में कुछ लोगों के प्रमाणपत्र सही नहीं पाए गए। कुछ तो अभिलेख उपलब्ध नहीं करा सके। जिसक कारण समितिने उनके जाति प्रमाणपत्र निरस्त करने का निर्णय लिया। कुछ को अंतिम अवसर भी दिया है।

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