बालाघाट। प्रदेश सरकार (state government) किसानों के फसल बीमा की प्रीमियम (crop insurance premium) भरने जा रही हैं। इसके लिये शीघ्र निर्णय होगा। इस निर्णय से ऐसे किसान लाभान्वित होंगे जो छोटे व मंझौले हैं लेकिन वे किसी कारणवश प्रीमियम (premium) तक नहीं भर पा रहे हैं। जिसके कारण उन्हें कृषि फसलों के बीमा का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं। यह बातें प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने मंगलवार को बालाघाट में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि इसी तरह किसानों को एक ही स्थान पर कृषि उपकरण से लेकर अन्य सामानों व बीज तथा कीटनाशक व दवाइयों के अच्छे क्वालिटी व कम दर में उपलब्ध कराने के लिये मंडी परिसर में कैंटिन प्रारंभ करने पर विचार चल रहा है। जिस पर भी शीघ्र निर्णय लिया जायेगा। इसके अलावा मंडी में आने वाले किसानों के लिये अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर क्लिनिक सुविधा प्रारंभ होगी। जिसमें किसानों के तमाम जांच होगी और उसके कार्ड भी बनेंगे।
दरअसल, कृषि मंत्री कमल पटेल मंगलवार को बालाघाट प्रवास पर रहे। यहां उन्होंने कलेक्ट्रेट में पत्रकारों से बातचीत कर उनके सवालों के जवाब दिये। इस दौरान आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे, पूर्व कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन, पूर्व विधायक रमेश भटेरे, कलेक्टर दीपक आर्य भी मौजूद रहे। कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन के मंत्रितत्व कार्यकाल में बालाघाट में कृषि महाविद्यालय बना है। मंडी का विस्तारीकरण किया गया और ईतवारी गंज मंडी परिसर में भी निर्माण हुये हैं। यहां पर जो भी सुविधायें या कमी होगी उसे पूरा किया जायेगा।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने किसानों का वर्ष 2018-19 का बीमा प्रीमिमय की राशि ही नहीं जमा की थी। लेकिन भाजपा की सरकार काबिज होते ही हमने 22 सौ करोड़ रुपये जमा किया है। वही किसानों को 9286 करोड़ की बीमा राशि दिलवायी। हालांकि यह सही बात है कि इस राशि का लाभ बड़े किसानों ने उठाया और छोटे किसान उससे वंचित रह गये। क्योंकि छोटे किसानों ने बीमा की प्रीमिमय राशि भी जमा नहीं कर पायी थी। इसी तरह से कर्ज माफी के नाम पर भी तत्कालीन सरकार ने किसानों का कर्ज माफ नहीं किया और उन्हें डिफाल्टर बनाकर रख दिया। जिससे भी उसे लाभ नहीं मिल पाया।
खेती को लाभ का धंधा और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में सफल हुये
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि को लाभ का धंधा बनाने व किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये हमने कार्य किया हैं। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुये कहा कि मध्यप्रदेश पहला राज्य हैं जहां पर किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये कार्य किया गया। किसान अब अपनी उपज को स्वंय बेच सकेगा। अब चंद उद्योगपति या व्यापारी के भरोसे वह नहीं रहेगा और अपने सामानों की स्वंय मार्केटिंग कर सकेगा।
अमानक खाद-बीज विक्रेताओं पर होगी कार्रवाई
उन्होंने अमानक खाद व बीज के विक्रेताओं को चेताते हुये कहा कि ऐसे कार्य करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाये। अमानक सामग्री बेचने वाले के लायसेंस निरस्त होंगे और एफआईआर भी दर्ज होगी। बालाघाट में पिछले दिनों जबलपुर की संभागीय कृषि टीम को सहयोग नहीं करने के मामले में कृषि अधिकारी को 24 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में ऐसी कही भी शिकायतें मिल रही छापेमार कार्यवाही हो रही हैं। इंदौर में हाल ही में नकली जैविक खाद को जप्त करने की कार्यवाही की गई हैं। ऐसे कारोबार को रोकने के लिये सरकार गंभीर हैं।
कृषि मंत्री पटेल ने किसानों को 15 हजार करोड़ रुपये का लाभ दिलाया हैं। तत्कालीन सरकार सरसो 13 क्विंटल और चना 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर खरीद रही थी लेकिन हमने उसे 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर किया और उसकी खरीदी भी प्रारंभ की गई। जिसके चलते समर्थन मूल्य पर इनकी रिकार्ड खरीदी हुई और किसानों को उसका लाभ भी मिला। उन्होंने कहा कि मंडी में आने वाले किसानों का हम तिलक वंदन करने वाले हैं। किसान अन्नदाता ही नहीं वह अब आत्मनिर्भर किसान बन रहा हैं। प्रदेश में पिछले एक-सवा साल में किसी भी किसान ने आत्महत्या नहीं की हैं। केंद्र के किसान बिल किसानों के हित में हैं जो आंदोलन कर रहे वह प्रायोजित हैं।
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