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कारम बांध से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई करेगी राज्य सरकारः शिवराज

August 17, 2022

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि धार के कारम बांध (Dhar Ke Karam Dam) के आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट करने कार्य करने वाले नागरिकों और संस्थाओं पर सभी प्रदेशवासियों को गर्व है। टीम मध्यप्रदेश ने वैज्ञानिक आपदा प्रबंधन का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह साहस, कर्मठता और समन्वय का ही परिणाम रहा कि जन-हानि नहीं हुई। साथ ही हमने पशु-हानि भी नहीं होने दी। फसलों का जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई राज्य शासन द्वारा की जाएगी। कारम बांध की घटना की जाँच के लिए कमेटी गठित की गई है। जाँच में जो तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी।

 

मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर धार जिले के कारम बांध के आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं के सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने समारोह में कारम डेम के राहत और बचाव कार्य में लगी पोकलेन मशीन के ऑपरेटरों को सम्मान निधि के रूप में दो-दो लाख रुपये के चेक प्रदान किये। उन्होंने समाजसेवियों तथा अशासकीय संस्थाओं को भी सम्मानित किया। इस मौके पर जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, कल्याण मंत्री मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, प्रमुख सचिव जल संसाधन एसएन मिश्रा तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

 

मुख्यमंत्री ने कारम बांध आपदा के प्रबंधन के संबंध में इंदौर संभाग के आयुक्त पवन शर्मा, धार कलेक्टर पंकज जैन और खरगोन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के अनुभव वर्चुअली सुनें। मुख्यमंत्री निवास आए धामनोद नगर परिषद के अध्यक्ष दिनेश शर्मा, धामनोद के समाजसेवी प्रमोद केड़िया, गौरव जाट, डेम की पाइप का वाल्व खोलने वाले समर सिंह ने भी आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों से संबंधित अपने अनुभव साझा किए।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि ईश्वर की कृपा, तकनीकी विशेषज्ञों के मार्गदर्शन और सबके सहयोग से 24 घंटे में बांध का पानी निकाल लिया गया। संतोष की बात यह रही कि पानी गाँव और घरों में नहीं घुसा। कभी-कभी इस तरह की परीक्षा की घड़ी निर्मित होती है। इस कठिन समय में तीनों मंत्री और प्रशासन का पूरा अमला जिम्मेदारी एवं कुशलता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करता रहा। इस सफलता का श्रेय सभी को है।



उन्होंने बांध के पानी की सुरक्षित निकासी के लिए मार्ग बनाने वाले पोकलेन ऑपरेटर, पोकलेन मशीन हेल्पर, ब्रेकर ऑपरेटर आदि को सम्मान निधि के रूप में 2-2 लाख रुपये के चेक प्रदान किए। साथ ही शिवकुमार कोल, संजय भारती, मोहम्मद सैयद आलम, प्रमोद कुमार, सूरज कुमार कोल, नीतिश कुमार, अमित, जय सिंह, जितेन्द्र दरबार, मोतीलाल, इंदू, गंगाराम, सुनील, श्यामलाल, विजय तथा संतोष ओसारी को माल्यार्पण कर प्रमाण-पत्र और चेक प्रदान किये गये।

 

मुख्यमंत्री ने राहत कार्य में लगे स्वयंसेवी संगठनों और जन-प्रतिनिधियों को शाल, श्रीफल तथा प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। नगर परिषद धामनोद के अध्यक्ष दिनेश शर्मा, धामनोद के वरिष्ठ समाजसेवी प्रमोद केड़िया, ग्राम पंचायत कोठिदा की सरपंच सेवलाबाई, उतावली की सरपंच राधाबाई, फरसपुरा सरपंच संतोषबाई, सिरसोदिया सरपंच ललिता, बलवाड़ा सरपंच मुन्नीबाई, बैगन्दा सरपंच राधेश्याम वसुनिया और बलवारी सरपंच सुरेश के साथ ही ग्राम धामनोद की पाटीदार धर्मशाला, सेवा भारती, सनातन सारथी संस्था, माँ अन्नपूर्णा रोगी सेवा संस्था और भारत विकास परिषद के पदाधिकारियों को भी सम्मानित किया गया।

 

मुख्यमंत्री ने खरगोन जिले की ग्राम पंचायत जलकोटा की सरपंच गेंदूबाई डाबर, बड़वी सरपंच मोहब्बत सिंह, काकरिया सरपंच मुकेश, मक्षी सरपंच जमुना बाई, कुसुम्भया सरपंच संगीता बाई, बाकानेर सरपंच सेवंती बाई को भी सम्मानित किया। उत्कृष्ट कार्य के लिए ग्राम पंचायत जलकोटा के महेश, काकरिया के धीरज, मोयदा के भारत सिंह, नयापुरा के महेश, कुसुम्भया के गणेश और बाकानेर के अमीचंद को भी सम्मानित किया गया।

 

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