भोपाल। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के एण्ड टी.बी. स्टर्टजी में टी.बी. कंट्रोल का टॉर्गेट वर्ष 2030 का दिया गया है। इसे चेलेंज के रूप में लेकर प्रधानमंत्री ने देश में वर्ष 2025 में ही टी.बी. नियंत्रण का टॉर्गेट तय किया है। इसके लिये राज्य सरकार भी प्रतिबद्ध है। उन्होंने प्लेटिनम जुबली कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही। सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश में 13 शासकीय मेडिकल कॉलेज के अलावा सभी 51 जिलों में लगभग 850 डॉयग्नोस्टिक सेंटर, 9 नोडल सेंटर, 34 जिलों के सेंटर तथा 22 शासकीय/निजी मेडिकल कॉलेज के टी.बी.-चेस्ट विभाग द्वारा इस टॉर्गेट को पूरा करने की कोशिश की जा रही है। वर्ष 2019 में मध्यप्रदेश में एक लाख 87 हजार से ज्यादा सामान्य टी.बी. के मरीजों का इलाज किया गया। लगभग 4 हजार से ज्यादा ड्रग रेजिस्टेंट मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया गया। वर्ष 2020 में कोविड जैसी महामारी के बावजूद प्रदेश में 2.29 लाख से ज्यादा मरीज होने के बावजूद चिकित्सीय एवं पैरामेडिकल स्टॉफ के अथक प्रयासों से मृत्यु दर 1.5 प्रतिशत से कम रही है।
35 हजार कोविड टेस्ट की क्षमता
सारंग ने कहा कि कोविड के शुरूआती दौर में जहाँ केवल 60 टेस्ट कराने की व्यवस्था थी, वहीं आज हम 35 हजार कोविड टेस्ट कर रहे हैं। सरकार लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2021 में डॉक्टर्स की इस प्रकार की कॉन्फ्रेंस विभाग के बैनर तले होंगी, जिसमें हम इस प्रकार की गंभीर बीमारियों पर डॉक्टर्स के साथ चर्चा कर सकेंगे। हमें रिसर्च एवं डेव्हलपमेंट की ओर ध्यान देना होगा।
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